40 फीट गहरे कुएं में 18 घंटे तक प्लास्टिक बोरी में बंधी पड़ी रही बिटिया, नवरात्र में हुआ चमत्कार, पढ़िए 12 पॉइंट्स में कहानी

अलवर में नवरात्रि पर एक नवजात को मरने के लिए कुएं में फेंकने का मामला सामने आया है। लेकिन यह चमत्कार से कम नहीं है कि 40 फीट गहरे कुएं में 18 घंटे तक प्लास्टिक के कट्टे में लिपटी रही बच्ची इतनी जोर से रोई कि उसकी आवाज बचाने वालों तक पहुंच गई। 

Amitabh Budholiya | Published : Mar 30, 2023 5:43 AM IST / Updated: Mar 30 2023, 11:14 AM IST

अलवर. राजस्थान के अलवर में नवरात्रि पर एक नवजात को मरने के लिए कुएं में फेंकने का मामला सामने आया है। लेकिन यह चमत्कार से कम नहीं है कि 40 फीट गहरे कुएं में 18 घंटे तक प्लास्टिक के कट्टे में लिपटी रही बच्ची इतनी जोर से रोई कि उसकी आवाज बचाने वालों तक पहुंच गई।

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1. यह मामला अलवर का है, जहां 40 फीट गहरे कुएं में नवजात बच्ची मिली है। शुरुआती जांच में सामने आया कि बच्ची का जन्म उसके मिलने से 18 घंटे पहले हुआ होगा।

2. नवजात कुएं में प्लास्टिक के कट्‌टे में लिपटी मिली थी। यह मामला तिजारा कस्बे के बेरला गांव में बुधवार(29 मार्च) सुबह सामने आया था।

3. पुलिस के अनुसार, कुएं से नवजात के रोने की आवाज सबसे पहले वहां पास में रहने वाले अनीश (19) को सुनाई दी।

4. अनीश ने कहा कि सुबह 8 बजे कुएं से बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी। उसकी बहनों मनीषा और आयशा को भी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई पड़ी थी।

5. जब अनीश ने कुएं में झांककर देखा, तो अंदर एक प्लास्टिक का कट्‌टा दिखाई दिया। बच्चे के रोने की आवाज लगातार आ रही थी। इसके बाद अनीश का चचेरा भाई नसीम रस्सी के सहारे कुएं में उतर गया।

6.कुएं के अंदर पहुंचकर नसीम ने देखा कि प्लास्टिक के कट्‌टे में कोई बच्चा लिपटा पड़ा है। इसके बाद अनीश के चाचा साबिर खान ने पुलिस को इसकी जानकारी दी।

7. सूचना मिलते ही तुरंत पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को कुएं से बाहर निकालने के लिए अनीश के एक अन्य चचेरे भाई मुनफेद को रस्सी के सहारे कुएं में उतारा।

8. इस तरह लोगों की मदद से बच्ची को रस्सी के सहारे ऊपर लाया गया। बच्ची को एंबुलेंस के जरिये दोपहर करीब 12 बजे तिजारा अस्पताल पहुंचाया गया। वहां शुरुआत चेकअप के बाद डॉक्टरों ने बच्ची को जिला अस्पताल अलवर के लिए रेफर कर दिया।

9.तिजारा हॉस्पिटल के डॉक्टर विश्वेंद्र ने कहा कि बच्ची का जन्म करीब 18 घंटे पहले ही हुआ था। बच्ची की नाल काटकर उसे दूध भी पिलाया गया था।

10.डॉक्टरों के अनुसार, बच्ची 8 महीने की प्री-मैच्योर है। उसका वजन और पैरामीटर ठीक है। हालांकि ऑक्सीजन की कमी के चलते उसे जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है।

11. घटना की जानकारी मिलने पर तहसीलदार बसंत कुमार परसोया भी बेरला गांव पहुंचे। उन्होंने गांव पहुंचते ही बच्ची की हालत देखकर तुरंत पटवारी, पुलिस और डॉक्टर्स की टीम को मौके पर बुला लिया था।

12. तिजारा थानाधिकारी सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि बच्ची को किसने कुएं में फेंका इसकी जांच की जा रही है। घटनास्थल के आसपास कोई प्राइवेट या सरकारी अस्पताल भी नहीं है। मान जा रहा है कि ये डिलीवरी घर पर ही हुई होगी।

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