
भरतपुर. राजस्थान का आंदोलन से गहरा नाता रहा है। चाहे खेजड़ी बचाने के लिए हुए आंदोलन की बात हो या फिर गुर्जर समाज द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में आंदोलन हुआ हो। हर बार हुए आंदोलन के चलते राजस्थान का पूरे देश में नाम रहा। अब एक बार फिर राजस्थान का नाम चर्चाओं में आ रहा है। क्योंकि यहां 17 जनवरी से ट्रेनों की रफ्तार थम सकती है।
केंद्र में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर और धौलपुर इलाके का जाट समाज आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दे चुका है। जिनका कहना है कि यदि उनकी सुनवाई नहीं होती है तो 17 जनवरी से मुंबई और दिल्ली रेल मार्ग के पास जयचौली गांव में महापड़ाव शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि अभी तक पड़ाव शुरू नहीं हुआ है लेकिन गांव में टेंट और अन्य कामों के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है।
समाज के लोगों का कहना है कि दोनों जिलों के जाट 9 साल से आरक्षण की मांग को लेकर सरकार को अवगत करवा चुके हैं। राजस्थान के अन्य जाट समाज को आरक्षण मिल चुका है लेकिन इन दोनों जिलों के जाट समाज को आज भी केंद्र में आरक्षण नहीं मिला है।
दरअसल इन दोनों जिलों के जाट समाज का आरक्षण राजस्थान में भी 2014 में तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार के समय समाप्त कर दिया था। लेकिन 2017 में ओबीसी कमिशन की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण दिया गया। लेकिन आज तक इन्हें केंद्र में आरक्षण नहीं मिला है। अब इन लोगों का कहना है कि यदि उनकी सुनवाई नहीं होती है तो 17 जनवरी से चक्का जाम शुरू कर दिया जाएगा। उससे यदि कोई भी नुकसान होता है तो पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।