राजस्थान के भरतपुर से अलर्ट करने वाली खबर सामने आई है। जहां युवकों ने फर्जी तरीके से इतना पैसा कमाया कि लग्जरी लाइफ जीने लगे। एक वक्त था जब उनके पास दो वक्त के खाने के लिए पैसे तक नहीं थे।
भरतपुर. राजस्थान में अलवर और भरतपुर के कई ऐसे गांव हैं जिनमें आज के करीब 2 साल पहले ज्यादातर आबादी के पास दो वक्त खाने की भी व्यवस्था नहीं हो पाती थी। लेकिन कोरोना के बाद इन लोगों की पूरी दिशा और दशा ही बदल गई। कोरोना के बाद यह लोग हर महीने लाखों रुपए कमा रहे हैं। इनके पास ऐसी कई लग्जरी गाड़ियां हैं जो एक शहर में रहने वाला व्यक्ति भी अफोर्ड नहीं कर पाता है।
भरतपुर में काम नहीं मिला तो जॉब की तलाश में चले गए झारखंड
दरअसल लोगों की जिंदगी बदलने की शुरुआत होती है कोरोना के चलते लगे लोकडाउन से। दरअसल अलवर में पहले अलवर और भरतपुर क्षेत्र में खनन का काम होता था लेकिन फिर वह बंद हो गया। यहां के युवा अपने रोजगार की तलाश में झारखंड की तरफ चले गए। वहां उनका संपर्क जामताड़ा गैंग से हुआ। अलवर और भरतपुर के यही युवा ऑनलाइन ठगी के मामले में एक्सपर्ट हो गए जिन्होंने अपने गांव आकर ऑनलाइन ठगी करना शुरू कर दी।
फर्जी तरीके से करने लगी ऑनलाइन ठगी
एक तरफ जहां कोरोना में सारा काम ऑनलाइन होता था तो इन दोनों जिलों के युवाओं ने इसी बात का फायदा उठाया और फिर केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि देश के हजारों लोगों को अपने ठगी का शिकार बनाया। इनके पास हजारों ऐसी फर्जी सिम है जिनके जरिए यह लोगों को अपने झांसे में लेते हैं। हालांकि पुलिस कई बार अभियान चलाकर ऐसे फर्जी सिम को बंद करती है।
गांव से दूर खेतों में या फिर पहाड़ियों में बनाया था ऑफिस
वही इन दोनों जिलों के युवा ऑनलाइन ठगी करने के लिए अपना ऑफिस तक बनाते हैं जो गांव से दूर खेतों में या फिर पहाड़ियों में बना होता है यहां तमाम व्यवस्थाएं की जाती है जो किसी लग्जरी ऑफिस में हो फिर चाहे बात ऐसी कि यहां सीसीटीवी कैमरों की। केवल इतना ही नहीं ऑनलाइन ठगी का काम करने वाले इतना पैसा कमाते हैं कि लग्जरी लाइफ जीने के अलावा यह क्रिप्टोकरंसी और रियलएस्टेट में भी रुपए इन्वेस्ट करते हैं।