बेटी के नए घर में गृह प्रवेश के दिन माता-पिता की मौत, खून से रच गए गिफ्ट और मिठाइयां

राजस्थान के नागौर जिले से बेहद मार्मिक खबर है, जहां बेटी के नए घर के गृह प्रवेश में जाने के लिए माता अफने घर से निकले। लेकिन रास्ते में उनका एक्सीडेटं हो गया और दोनों की एक साथ मौत हो गई। सड़क पर ही नए कपड़े और मिठाइयां-तोहफे खून से लाल हो गए।

Arvind Raghuwanshi | Published : Apr 22, 2024 10:42 AM IST

नागौर. राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता कस्बे से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है । मेड़ता इलाके में कल देर शाम हुए एक सड़क हादसे में बुजुर्ग दंपति की मौत हो गई । आज दंपति की बेटी के मकान का गृह प्रवेश था। जिस समय गृह प्रवेश होना था । उस समय माता-पिता की अर्थी निकल रही थी। वह बेटी के गृह प्रवेश में शामिल होने के लिए ही घर से निकले थे, लेकिन उनके ऊपर लोहे से भरा हुआ एक ट्रक पलट गया । जब तक उन्हें ट्रक के नीचे से निकाला गया , तब तक उनकी दर्दनाक मौत हो चुकी थी। वे अपनी बेटी दामाद और नवासे के लिए नए कपड़े , उपहार, मिठाइयां लेकर पहुंचने वाले थे।

बेटी के लिए बर्तन, कपड़े, गहने और मिठाइयां लेकर निकले थे माता-पिता

मेड़ता रोड थाना पुलिस ने बताया कि रेणी कस्बे में रहने वाले रामकिशोर आचार्य और उनकी पत्नी चुका देवी जोधपुर में अपनी बेटी के गृह प्रवेश के लिए जा रहे थे । वह रविवार दोपहर घर से निकले थे । उनके पास खुद का लोडिंग टेंपो था। राम किशोर आचार्य बर्तनों के कारोबारी थे। वे बेटी के लिए बर्तन , कपड़े, गहने , मिठाइयां लेकर घर से रवाना हुए थे और साथ ही जोधपुर में एक व्यक्ति के यहां बर्तनों की डिलीवरी करने के लिए बर्तन भी लेकर निकले थे। आज मिठाइयां और कपड़े बेटी को देने थे।

कुछ दिन पहले नया घर बनकर हुआ था तैयार

घर से निकलने के कुछ घंटे बाद ही नागौर इलाके में उनकी मौत हो गई । हाईवे के नजदीक से गुजरने के दौरान लोहे से भरा हुआ एक ट्रक लोडिंग पर पलट गया और लोडिंग पूरी तरह से पिचक गई । पुलिस ने बताया रामकिशोर के तीन बच्चे हैं । जिनमें दो बेटियों की शादी जोधपुर में हुई है। एक बेटी का घर बनाकर तैयार हुआ था और सोमवार को गृह प्रवेश था , लेकिन अब गृह प्रवेश टल गया है।

बेटा-बहू और पोते की ऐसे बच गई जान

पुलिस ने यह भी बताया कि रामकिशोर के साथ उनका बेटा , बहू और पोता भी जोधपुर जाने वाले थे । लेकिन लोडिंग गाड़ी में जगह नहीं होने के कारण उन्होंने जोधपुर जाना टाल दिया था। इस कारण उन तीनों की जान बच गई। वरना उन तीनों की भी मौत संभव थी । आज पुलिस ने परिजनों को शव सौंप दिए हैं । गृह प्रवेश के दिन माता-पिता को अंतिम संस्कार किया गया है। जोधपुर से लेकर नागौर तक कोहरा मचा हुआ है।

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