जन्म देने वालों ने अष्टमी के दिन 40 फीट गहरे कुएं में नवजात को फेंका, मुस्लिम भाई-बहनों ने मासूम को दी जिंदगी

Published : Mar 30, 2023, 11:33 AM ISTUpdated : Mar 30, 2023, 11:45 AM IST
parents newborn daughter thrown into bushes on the  ashtami day of navratri

सार

अष्टमी के दिन लोग कन्या भोज कराते हैं, उनके पैर धुलाकर चरणामृत पीते हैं। लेकिन राजस्थान के अलवर जिले से एक ऐसी शर्मनाक खबर सामने आई है रोंगटे खड़े करने वाली है। माता पिता ने अष्टमी पर अपनी एक दिन जन्मी बेटी को मरने के लिए 40 फीट कुएं में फेंक दिया।

अलवर. राजस्थान के अलवर जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। अक्सर हम सुनते हैं कि राजस्थान में नवजात बच्चियां खेत में या फिर कचरे में पड़ी मिलती है लेकिन अलवर की घटना सबसे दर्दनाक है। जहां नवजात 40 फुट गहरे कुएं में मिली। हालांकि राहत की बात यह है कि अष्टमी के दिन एक 19 साल के लड़के को दिखी यह नवजात बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है।

40 फीट जमीन के अंदर प्लास्टिक के कट्टे में में फंसी थी मासूम

मामला अलवर जिले के भिवाड़ी इलाके का है। यहां 19 साल का लड़का अनीश अपनी बहन मनीषा और आयशा के साथ कहीं जा रहा था। इसी दौरान उसे एक बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी।इसके बाद अनीश ने जब कुएं में झांक कर देखा तो उसे एक प्लास्टिक के कट्टे में बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। कंफर्म करने के लिए अनीश ने अपने चाचा के लड़के नसीम को रस्सी के सहारे कुएं में उतरवाया। जब नसीब ने देखा तो वहां प्लास्टिक के कट्टे में एक बच्चा था। इसके बाद उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। करीब 2 से 3 घंटे की मशक्कत के बाद नवजात को बाहर निकाला गया।

बच्ची का जन्म हुए 24 घंटे ही पूरे नहीं हुए थे...

नवजात को कुएं से बाहर निकालने के बाद पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से मासूम को हॉस्पिटल लाया गया। इलाज के दौरान डॉक्टर्स ने बताया कि फिलहाल बच्ची का जन्म हुए 24 घंटे ही पूरे नहीं हो पाए। ऑक्सीजन की कमी होने के चलते उसे अलवर भेज दिया गांव। वही मामले में अब पुलिस ने मामला दर्ज कर नवजात के परिजनों की तलाश शुरू कर दी है।

क्रूर माता-पिता अपने ही बच्चों को कचरे में फेंक देते

वही यदि सरकारी आंकड़ों की माने तो राजस्थान में हर साल करीब 30 से 40 नवजात बच्चे मिलते हैं। इनमें 80% तो नवजात बच्चियां ही होती है। इनमें से भी करीब 90% नवजात पालना गृह में नहीं छोड़े जाते बल्कि उन्हें झाड़ियों में या कचरे में फेंक दिया जाता है। हाल ही में राजस्थान के बाड़मेर और चूरू जिले में ऐसी घटना सामने आई थी जब नवजात बच्चों को खा गई वही पुलिस मामलों में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है लेकिन आरोपी परिजनों का पुलिस को कभी पता चल ही नहीं पाता है और यदि पता चलता भी है तो उस साठगांठ से मामला रफा-दफा कर दिया जाता।

 

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