राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के खास दोस्त सांवरमल महरिया ने भाजपा का दामन थाम लिया है। वह शेखावटी से चुनाव लड़ सकते हैं। इससे कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है।
जयपुर। सांवरमल महरिया कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के खास दोस्त हैं। इसके अलावा वह धरोहर संरक्षण प्राधिकरण बोर्ड के उपाध्यक्ष भी हैं। हांलाकि अब रविवार से यह पहचान बदल गई है। महरिया काफी समय से डोटासरा के जरिए पार्टी से विधायकी के टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने उनका प्रत्याशी नहीं बनाया। ऐसे में कांग्रेस के नाता तोड़कर उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया है। बीजेपी उनको जल्द ही शेखावटी इलाके से टिकट देने की तैयारी कर रही है। लेकिन महरिया के इस कदम से कांग्रेस खेमे की टेंशन बढ़ गई है।
महरिया पार्टी से जुड़ी तमाम बैठकें भी करते थे आर्गेनाइज
दरअसल महरिया पार्टी से जुड़ी तमाम बड़ी बैठकें खुद ही आर्गेनाइज करते थे। डोटासरा ने उनको अपने नजदीकी पीसीसी वार रूम में भी बड़ी जिम्मेदारी दे रखी थी। वहां होने वाली बैठकों में उनका ही सारा दखल रहता था। कई बार तो डोटासरा के भाषण भी वही लिखते थे। वे डोटासरा के काफी भरोसेमंद थे लेकिन अब उनके जाने के बाद पीसीसी चीफ की चिंता बढ़ गई है। उधर भाजपा उनको पाकर इसलिए खुश है कि कहीं कोई ऐसा राज मिल जाए जिससे वे गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस पार्टी दोनो को चुनाव के दौरान ही घेर लें। यह भाजपा की जीत में काफी मददगार होगा।
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ट्रांसफर पोस्टिंग लिस्ट महरिया से होकर गुजरती थी
चर्चा तो यहां तक है कि पीसीसी अध्यक्ष होने से पहले गोविंद सिंह डोटासरा शिक्षा मंत्री थे, उस दौरान ट्रांसफर पोस्टिंग की लिस्ट भी महरिया के हाथों से ही होकर गुजरती थी। लेकिन जब पेपर लीक के मामलों में शिक्षा मंत्री की कुर्सी चली गई तो महरिया भी उनसे दूर होने लगे और फिर धीरे-धीरे दोनों के दूरियां भी काफी बढ़ गई।