राजस्थान में आस्था के ज्वार के आगे सूरज की तपिश फीकी साबित हो रही है। 45 डिग्री तापमान में रेत में लोग पैदल परिक्रमा कर रहे हैं।
राजस्थान के अलवर जिले में 100 बीघा जमीन पर रामकथा और शिव महापुराण का आयोजन हो रहा है। यह 21 मई तक जारी रहेगा।
राजस्थान के अलवर में होने वाले पूजा को देश का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि यहां एक साथ 2100 यज्ञवेदी पर हवन चल रहा है।
अलवर में 26 बीघा में फैली रसोई और भंडारे में तीन लाख से ज्यादा लोगों के लिए खाना बना है। 21 मई को पांच लाख लोग एक दिन में प्रसाद लेंगे।
यह आयोजन ऐसे संत की ओर से किया जा रहा है जो साल 2021 से मौन हैं, उनको मौनी बाबा कहा जाता है। वे बीटेक ग्रेजुएट हैं।
अलवर के धार्मिक पूजा में हर रोज 15 हजार से ज्यादा लोगों की रसोई करीब चार सौ हलवाई और उनके सहयोगी तैयार कर रहे हैं।
राजस्थान के अलवर होने वाले यज्ञ में मिले दान में इतना अनाज आ चुका है कि रखने की जगह नहीं होने के कारण पचास लाख का अनाज तो बेचा जा चुका है।
सात बीघा में कथा पांडाल लगा है, जिसमें हर रोज चालीस हजार लोग बैठते हैं, तीन सौ कूलर लगे हैं।