बांसवाड़ा में पानी में तैरती मिली चार बच्चों की लाशें, रो-रोकर बेहाल हुए घरवाले

राजस्थान में गर्मी से राहत पाने के लिए एनीकट में नहाने गए चार बच्चों की पानी में डूबने से मौत हो गई है। बच्चों के शव पानी में तैरते देख लोगों के होश उड़ गए। ये जानकारी घरवालों को मिली तो वे रो-रोकर बेहाल हो गए। आज सभी का अंतिम संस्कार होगा।

बांसवाड़ा. राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में गर्मी से राहत पाने के लिए एनीकट में नहाने गए चार बच्चों की पानी में डूबने से मौत हो गई है। इन चार बच्चों में से दो सगे भाई है। सभी बच्चों की उम्र 8 से 12 साल के बीच है। नहाने गए बच्चे जब काफी देर तक घर नहीं पहुंचे तो घरवाले उन्हें तलाशने के लिए निकले। उन्हें एनीकट के बाहर बच्चों के कपड़े और पानी के अंदर उनकी तैरती लाशें नजर आई। जिसे देखकर उनके होश उड़ गए। अपने बच्चों की मौत देखकर उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

ये है पूरा मामला

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बारिश का मौसम शुरू हो गया है। लेकिन इसके बावजूद भी किसी किसी दिन तेज धूप निकलती है। जिसके कारण गर्मी लगने लगती है। चूंकि वर्तमान में अधिकतर तलाब, एनीकट और नदियों में बारिश का पानी आ गया है। इस कारण एक ही गांव के चार बच्चे एनीकट में नहाने के लिए गए। जहां पानी में डूबने के कारण चारों बच्चों की मौत हो गई। उनके कपड़े एनीकट के बाहर पड़े थे। वहीं पानी में उनकी लाशें तैर रही थी। यह घटना बांसवाड़ा के सज्जनगढ़ इलाके की है। जिसमें 8 साल का रोहित, रोहित का छोटा भाई 6 साल का शैलेंद्र, 8 साल का सायनेश और 12 साल के हेमंत की मौत हो गई। शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। गांव के एक साथ चार बच्चों की मौत के बाद इलाके में मातम पसरा हुआ है।

काफी देर तक नहीं आए तो घरवाले पहुंचे ढूंढने

चारों बच्चे गांव के समीप स्थित एनीकट पर नहाने के लिए गए थे। उन्हें घर से निकले काफी देर हो गई थी। इसके बावजूद भी वे घर नहीं पहुंचे तो घरवालों को चिंता होने लगी। इसके बाद वे ढूंढने के लिए निकले तो एनीकट के नजदीक पहुंचते ही देखकर दंग रह गए। एनीकट के बाहर उनके कपड़े पड़े थे। वहीं एनीकट में उनकी लाशें तैर रही थी। गोताखोरों द्वारा उन्हें पानी से बाहर निकाला गया।

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हालही गांव आए थे बच्चों के माता पिता

इस घटना में मृतक शैलेंद्र और रोहित के माता पिता गुजरात के सूरत में मजदूरी करते हैं। चूंकि बारिश का मौसम शुरू होने के साथ ही खेती का काम भी शुरू हो गया है। इस कारण वे गांव आए थे।

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