
जयपुर। कहते हैं कि संन्यासी जीवन में प्रवेश करने के बाद संतों को सामाजिक जीवन और धन संपत्ति का लोभ नहीं रह जाता है। लेकिन राजस्थान में यह कहावत बिल्कुल विपरीत दिख रही है। हम बात कर रहे हैं भारतीय जनता पार्टी के दो संतों की जिन्होंने इस बार विधानसभा चुनाव में दावेदारी की है। ये हैं महंत प्रतापपुरी और सांसद बाबा बालकनाथ। इनकी संपत्ति के बारे में आप जानेंगे तो चौंक जाएंगे।
नामांकन के दौरान खुला प्रतापपुरी महाराजा की संपत्ति का राज
अपने नामांकन के दौरान दिए गए एफिडेविट में प्रतापपुरी महाराज की संपत्ति का राज खुल गया। के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के प्रतापपुरी के पास 75.18 लाख रुपए की चल संपत्ति है। जबकि 1.41 लाख रुपए की नगदी और 11 तौला सोना है। इनके बैंक में 14 लाख की नगदी, 2.64 करोड़ की जमीन सहित कुल संपत्ति 3.39 करोड़ रुपए की है। इन्होंने केवल दसवीं तक पढ़ाई की हुई है।
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बाबा बालकनाथ की सालाना आय ही 12.19 लाख
बाबा बालकनाथ ने अलवर की तिजारा विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। उनकी सालाना आय 12.19 लाख रुपए है जबकि उनके पास केवल 45 हजार की नगदी है और बैंक में करीब 13.30 लाख रुपए हैं। न तो उनके पास कोई गाड़ी है और न ही कोई सोने चांदी के जेवरात। बाबा बालकनाथ ने सीनियर सेकेंडरी तक पढ़ाई की है।
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पिछले चुनाव में निर्वाचन आयोग ने 46 कैंडिडेट्स पर की थी कार्रवाई
यदि कोई प्रत्याशी अपनी संपत्तियों के बारे में गलत जानकारी देता है तो उसके खिलाफ निर्वाचन आयोग कार्रवाई करता है। हाल ही में पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में गलत जानकारी देने पर निर्वाचन आयोग ने राजस्थान के 46 प्रत्याशियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। जिन पर कुछ समय के लिए चुनाव नहीं लड़ने का प्रतिबंध भी लगाया गया है।
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