
राजस्थान बोर्ड ने 10वीं का रिजल्ट हाल ही में जारी किया है। यहां टॉप करने वाले स्टूडेंट्स की सफलता के पीछे संघर्षों की कहानी है। कोई पिता की मौत के बाद दुकान चलाकर पढ़ाई कर रहा है तो कई कई किमी पैदल चलकर स्कूल पहुंच रहा है।
राजस्थान में जब भी किसी परीक्षा का परिणाम आता है तो यहां टॉप करने वाले स्टूडेंट की सफलता के पीछे संघर्ष की एक बेहतर कहानी होती है। हाल ही में दसवीं का परीक्षा परिणाम आया। इसमें राजस्थान के उदयपुर का रिजल्ट भी प्रदेश के टॉप 10 जिलों में रहा।
इनमें कई स्टूडेंट ऐसे भी है जिनके परिवार के हालात तो ऐसे हैं कि गुजारा करना तक मुश्किल था लेकिन इन बच्चों ने फिर भी 90 प्लस स्कोर किया। यहां की सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली मेघना ने 95 फीसदी अंक हासिल किए हैं। 15 साल पहले इसके पिता की मौत हो चुकी है। मेघना ने पहले बड़ी बहन और फिर अकेले ही पिता की दुकान को संभाला। दुकान संभालने के साथ ही पढ़ाई के लिए टाइम निकाला और आज इस मुकाम तक पहुंची है। मां सिलाई करके बेटी को पढ़ाती थी।
यहां के प्रकाश पटेल ने 96.50 फीसदी अंक हासिल किए हैं। जिसके पिता चाय की थड़ी चलाते हैं। महात्मा गांधी सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला प्रकाश रोजाना 4 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाता था। अक्षय कुमार ने 91 फीसदी अंक हासिल किए हैं। इसके पिता दिहाड़ी मजदूर है जो आज भी परिवार का पालन पोषण मजदूरी करके ही करते हैं। घर में एंड्रॉयड मोबाइल टीवी जैसी कोई भी सुविधा नहीं है लेकिन बेटे ने हमेशा से सोच रखा था कि घर की हालत और हालात सुधरने हैं इसके लिए लगातार मेहनत में लग रहा और आज 91 प्रतिशत अंक हासिल कर लिए।