कभी 8 हजार की नौकरी करते थे भजनलाल, मुख्यमंत्री का एक सीक्रेट तो हैरान कर देगा

Published : Dec 15, 2024, 11:13 AM ISTUpdated : Dec 15, 2024, 11:15 AM IST
 rajasthan chief minister bhajan lal Sharma

सार

₹8000 की नौकरी से लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक, भजनलाल शर्मा के जीवन के अनसुने किस्से। जानिए कैसे एक मुनीम ने राजनीति में अपनी जगह बनाई और पहली बार विधायक बनकर ही मुख्यमंत्री बन गए।

जयपुर.राजस्थान की राजनीति में बड़ा उलटफेर करते हुए भजनलाल शर्मा को राज्य का नया मुख्यमंत्री चुना गया और उन्होनें सफलता पूर्वक पहला साल पूरा कर लिया है। इसी बीच आज उनका जन्मदिन भी है जो सीएम बनने के बाद पहला है। यह उनके राजनीतिक जीवन की एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, क्योंकि वे पहली बार विधायक बनने के बाद सीधे मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे हैं। लेकिन उनके कैरियर के साथ एक ऐसी उपलब्धि भी जुड़ी है जो हैरान करने वाली है।

कभी 8 हजार की नौकरी करते थे सीएम भजनलाल शर्मा

राजनीतिक सफर की शुरुआत भरतपुर जिले के नदबई क्षेत्र के अटारी गांव में जन्मे भजनलाल शर्मा ने अपने करियर की शुरुआत एक मुनीम के रूप में की थी। 8000 रुपये मासिक वेतन पर काम करने वाले भजनलाल ने अपने जीवन में कई संघर्ष झेले। राजनीति में उनकी शुरुआत तब हुई जब उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा, वे 27 साल की उम्र में ही अपने ही गांव में सरपंच बन गए। उसके बाद 56 की उम्र में सीएम बने। आज वे 57 वें वर्ष में प्रवेश कर गए हैं।

कुछ ऐसा है सीएम भजनलाल का राजनीतिक सफर 

1992 में भजनलाल ने बीजेपी युवा मोर्चा से जुड़कर अपनी राजनीतिक यात्रा को नई दिशा दी। राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाते हुए वे जेल भी गए और 1990 में कश्मीर मार्च के दौरान उधमपुर में गिरफ्तारी देकर अपनी राजनीतिक सक्रियता दिखाई। 2003 में पहला चुनाव और हार भजनलाल ने अपना पहला चुनाव 2003 में भरतपुर की नदबई विधानसभा सीट से लड़ा। यह चुनाव उन्होंने बीजेपी से बगावत कर सामाजिक न्याय मंच के टिकट पर लड़ा था। उस समय नदबई सीट पर कुल 95,018 मतदाता थे। भजनलाल को मात्र 5969 वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई। इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार कृष्णेंद्र कौर ने जीत दर्ज की थी।

पहली बार विधायक बने और सीधे मुख्यमंत्री का पद

बीजेपी से जुड़ाव और सांगानेर से जीत पहले चुनाव में हार के बाद भजनलाल ने बीजेपी में अपनी सक्रियता बढ़ाई। उन्हें पार्टी में कई अहम जिम्मेदारियां सौंपी गईं। प्रदेश मंत्री के रूप में तीन प्रदेश अध्यक्षों के साथ काम करते हुए उन्होंने संगठन में गहरी पकड़ बनाई। 2023 के चुनाव में जयपुर की सांगानेर सीट से जीत दर्ज कर वे विधायक बने और पहली बार में ही मुख्यमंत्री का पद हासिल किया।

सीएम का एक बेटा है डॉक्टर

व्यक्तिगत जीवन भजनलाल शर्मा के परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं। उनका छोटा बेटा कुणाल एमबीबीएस डॉक्टर है। राजनीति के अलावा भजनलाल ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय से भी जुड़े हैं।

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