
जयपुर, राजस्थान में अब चुनाव की तस्वीर साफ हो गई है। दो सौ विधानसभा सीट पर जीतने के लिए रेस शुरू हो गई है। 1800 से ज्यादा नेता इस रेस में दौड़ रहे हैं, जिनमें करीब दो सौ से ज्यादा महिला नेता भी शामिल हैं। इस बीच ऐसी महिला नेता के बारे में बातचीत बिना चेहरा दिखाए वोट मांग रही हैं। ये ऐसी इकलौती महिला हैं जो इस तरह से जनता के बीच में जा रही हैं। इनका नाम चित्रा सिंह है। चुनाव ये खुद नहीं लड़ रही हैं, इनके पति मानवेन्द्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन ये उनके लिए अपने क्षेत्र में इसी तरह से वोट अपील कर रही हैं। मानवेद्र सिंह जसोल, बालोतरा जिले की सिवाना सीट से कांग्रेसी उम्मीदवार हैं।
अपने पति के लिए मांग रहीं हैं वोट
दरअसल मानवेन्द्र सिंह राजपूत समाज से आते हैं। उनकी पत्नी चित्रा सिंह भी समाज से ही हैं। राजस्थान और नजदीक के अन्य राज्यों में घूंघट करना अपने से बड़ों को सम्मान देने की एक प्रथा है। खासतौर पर राजपूत और ब्राहम्ण समाज में तो यह अभी भी जारी है। चित्रा सिंह खुद चुनाव नहीं लड़ रही हैं लेकिन वे अपने पति मानवेन्द्र सिंह का नाम लिए बिना उनके लिए वोट मांग रही है और इसका रेस्पोंस भी मिल रहा है।
इस वजह से चित्रा सिंह घूंघट में....
चित्रा सिंह ने कहा कि घूंघट मान है बड़ों का। जिस तरह से पाग और पगढ़ी राजस्थान की आन, बान और शान है उसी तरह से घुंघट मान है। जसोल पहले भी एक बार सांसद और विधायक रह चुके हैं, उस दौरान भी उनकी पत्नी चित्रा सिंह ने इसी तरह से वोट अपील की थी। वे और उनके परिवार की महिलाएं एवं अन्य कार्यकर्ता इसी तरह से वोट मांग रही थीं और इसका फायदा ये हुआ कि मानवेन्द्र सिंह जीत गए।
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