
जयपुर. राजस्थान में बनने वाली कैर सांगरी की सब्जी, जिसका नाम सुनते ही राजस्थान के लोगों के मुंह में पानी आने लगता है। अब जल्द ही इस सब्जी में डलने वाली सांगरी को जियोग्राफिकल टैग मिल सकता है। इस संबंध में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय ने चेन्नई स्थित इंडिकेशन रजिस्ट्री कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया है।
सांगरी राजस्थान में खेजड़ी पर उगती है। जिसे कैर के साथ मिक्स करके सब्जी बनाई जाती है। राजस्थान में जब भी घर परिवार में कोई विशेष आयोजन होता है खासकर कि मारवाड़ इलाके में तो वहां पर यह सब्जी जरूर बनती है।
आवेदन करने वाली स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर अरुण कुमार ने बताया कि वर्तमान में आवेदन को स्वीकार कर लिया गया है। इस संबंध में हमारे द्वारा 700 पेज के डॉक्यूमेंट इंडिकेशन कार्यालय में प्रस्तुत किए गए थे। अब जो भी इंकवायरी वहां से मांगी जाएगी वह हम लोग प्रदान करेंगे।
बता दे कि केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि देश की मशहूर होटल्स में इस सब्जी को वैल्युएबल सब्जी के तौर पर परोसा जाता है। महंगी-महंगी शादियों में भी आपको यह सब्जी देखने को मिलेगी। वर्तमान में इस सब्जी की कीमत करीब 1500 रुपए से 2000 रुपए प्रति प्लेट तक है।
इस सब्जी की एक खास बात यह भी है कि यह सब्जी लंबे समय तक खराब भी नहीं होती क्योंकि इसमें लहसुन और प्याज दोनों ही नहीं डाले जाते। इसमें तेल की मात्रा भी एकदम कम होती है। ऐसे में लंबे समय तक स्टोर करके रखने के बाद भी यह सब्जी खराब नहीं होती। पुराने समय में जब राजस्थान के लोग रोजगार के सिलसिले में परिवार के साथ एक जगह से दूसरी जगह करते थे। तब से ही राजस्थान में यह सब्जी प्रचलन में है।
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