राजस्थान में जलप्रलय के बाद भी सूखा क्यों, इन जिलों में सावन में भी नहीं बरसी बूंदें

Published : Aug 04, 2025, 07:26 PM ISTUpdated : Aug 04, 2025, 07:37 PM IST
Jalore

सार

Rajasthan Monsoon Update : राजस्थान में जुलाई के महीन में इस बार इतनी बारिश हुई कि 69 सालों का रिकॉर्ड टूट गया। प्रदेश के बांध और सारी नदियां फुल हो गईं। लेकिन कुछ जिले ऐसे भी हैं, जहां सूखा पड़ा है। किसानों को बारिश का मौसम बेरहम साबित हो रहा है।

Rajasthan Weather Report : पश्चिमी राजस्थान के खेतों में इस बार हरियाली नहीं, बल्कि सूखे की पीड़ा पसरी हुई है। सावन का महीना जो हर साल किसान के लिए राहत और उम्मीदें लेकर आता है, इस बार बदरंग और बेरहम साबित हो रहा है। जालोर जिले के सांचौर, चितलवाना और बागोड़ा जैसे इलाकों में जुलाई के बाद से बारिश न के बराबर हुई है, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। यहां की खेती आज भी पूरी तरह मानसून पर निर्भर है। जून के आखिरी सप्ताह और जुलाई की शुरुआत में कुछ इलाकों में हल्की बारिश हुई थी, जिससे किसानों ने बीज बो दिए थे।

राजस्थान में जलप्रलय के बाद भी सूखा क्यों?

राजस्थान में जलप्रलय के बाद भी इन इलाकों में बादलों ने दूरी बना ली। अब खेतों में खड़ी बाजरा, मोठ, मूंग, तिल और ग्वार जैसी फसलें मुरझाने लगी हैं। कई जगहों पर तो जमीन में दरारें पड़ चुकी हैं और चारागाह भी सूखने लगे हैं। खेती से जुड़े किसान हर रोज़ सुबह उम्मीद लेकर खेतों का रुख करते हैं, लेकिन हकीकत उन्हें मायूस कर देती है। किसान रामाराम मेघवाल बताते हैं, “हर साल भगवान भरोसे खेती होती है, पर इस बार तो आसमान ने बिल्कुल ही मुंह फेर लिया है। खेतों में जो हरियाली दिखती थी, अब वह भी गायब हो रही है।

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राजस्थान के किसान टेंशन में…लाखों की फसल हो जाएगी बर्बाद

  • मौसम विभाग की भविष्यवाणी फिलहाल और निराशाजनक है। अगले एक सप्ताह तक बारिश की कोई संभावना नहीं बताई गई है। ऐसे में अगर अगले दस दिनों में बारिश नहीं हुई, तो इन इलाकों में खरीफ फसल पूरी तरह चौपट हो सकती है।
  • राज्य सरकार ने हालांकि स्थिति पर नज़र रखने के लिए टीमों को अलर्ट किया है, लेकिन फिलहाल किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। अगर जल्द राहत नहीं मिली, तो यह सूखा सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी झकझोर सकता है।

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