जयपुर. राजस्थान में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस भर्ती में हुए पेपरलीक के मामले में अब तक करीब 55 से ज्यादा गिरफ्तारी हो चुकी है। राजस्थान पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप इस मामले में अन्य फरार आरोपियों की तलाश में जुटा हुआ है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरकार क्या यह भर्ती परीक्षा रद्द करेगी या नहीं। क्योंकि जिन्होंने मेहनत करके परीक्षा को पास किया है उनका फ्यूचर पर संकट है।
किसी ने फौज तो किसी ने टीचर की नौकरी छोड़कर पुलिस को चुना
इस परीक्षा में कई लोग ऐसे हो जो पेपर खरीदकर पास हुए हैं लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो फौजी और टीचर जैसी नौकरियां छोड़कर इस परीक्षा में शामिल हुए और सब इंस्पेक्टर बन भी गए। इनमें से एक है विक्रम कुमार जिन्होंने करीब 16 साल तक भारतीय फौज में नौकरी की। इसके बाद वह राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा में पास हुए तो उन्हें अलायड सर्विस मिली लेकिन उन्होंने वह नौकरी नहीं की और 2016 में ASI भर्ती में चयनित हो गए। सब इंस्पेक्टर भर्ती में वह पास हुए और सब इंस्पेक्टर बन गए। वर्तमान में विक्रम की उम्र 42 साल है। उनके पिता ज्यादातर बीमार रहते हैं। अभी यदि भर्ती रद्द हुई तो विक्रम के सामने परिवार का गुजारा करने की भी चुनौती रहेगी।
नौकरी गई तो परिवार का पेट भरना भी मुश्किल
इसी तरह चेनू चौधरी जो 2015 से 2019 तक महिला कांस्टेबल के पद पर नौकरी कर चुकी है। उन्होंने 2019 में कांस्टेबल की नौकरी छोड़कर थर्ड ग्रेड टीचर की नौकरी हासिल कर ली और इसके बाद सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में वह पास हुई। इस परीक्षा के बाद उन्होंने फर्स्ट ग्रेड टीचर की नौकरी भी पास कर ली लेकिन उन्होंने नौकरी ज्वाइन नहीं। चेनू का पूरा परिवार खेती पर निर्भर है अब यदि भर्ती रद्द होती है तो उनके सामने भी बड़ी चुनौती रहेगी।
हाईकोर्ट की नौकरी छोड़कर पुलिस में आए थे
राजस्थान के जोधपुर हाईकोर्ट में निजी सहायक के पद पर नौकरी करने वाले पृथ्वीराज पहले तो सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में पास हुए और फिर 2023 में रेलवे में कनिष्ठ आशुलिपिक पद पर भी उनका चयन हो गया लेकिन उन्होंने पुलिस की नौकरी को ही चुना।
ग्राम विकास अधिकारी और पटवारी जैसी नौकरी छोड़ दी
चूरू के रहने वाले शिवनारायण रिटायर्ड फौजी है। जिन्होंने 2019 तक भारतीय नौसेना में नौकरी की। इसके बाद वह रेलवे में TTE के पद पर नौकरी लग गए और ट्रेनिंग भी कर ली। इसके बाद ग्राम विकास अधिकारी और पटवारी परीक्षा में भी वह सिलेक्ट हुए लेकिन सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में पास होने के बाद उन्होंने पुलिस की नौकरी को ही चुना। कुछ ऐसा ही मामला अनीता यादव का है। जिन्होंने 2017 में नेट परीक्षा पास की और 2022 में स्कूल लेक्चरर परीक्षा में भी वह चयनित हो गई लेकिन सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में पास होने के बाद उन्होंने यह नौकरी करना ही पसंद किया।
मुख्यमंत्री भजनलाल के फैसले का सबको इंतजार
आपको बता दें कि इस भर्ती परीक्षा को लेकर राजस्थान सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा पिछले लंबे समय से भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने मामले में एक कमेटी का गठन भी किया। कमेटी ने परीक्षा के संबंध में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी थी। अब मुख्यमंत्री ही फैसला करेंगे कि आखिर भर्ती रद्द होगी या फिर कुछ और....