राजस्थान सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर लीक मामले में गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तत्कालीन RPSC अध्यक्ष की गिरफ्तारी और परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है। एसओजी करीब 40 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार कर चुकी है।
जयपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आयोजित सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक की जांच के संदर्भ में ताज़ा घटनाक्रम सामने आया है। इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र प्रेषित कर तत्कालीन RPSC अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय की गिरफ्तारी और एसआई भर्ती की रद्द करने की मांग की गई है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग के दो सदस्य गिरफ्तार
सूत्रों के अनुसार, राजस्थान पुलिस की विशेष जांच दल (एसओजी) ने अब तक तीन दर्जन से अधिक ट्रेनी एसआई और दो दर्जन से अधिक अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिनका पेपर लीक मामले में शामिल होने का आरोप है। इसके अलावा, एसओजी ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के दो सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों से यह स्पष्ट हो गया है कि पेपर लीक मामले में तत्कालीन RPSC अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इस तरह के मामलों में अध्यक्ष का सीधा दखल होता है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भेजा पत्र
इस मुद्दे को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी एक पत्र भेजा गया है, जिसमें एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने और तत्कालीन RPSC अध्यक्ष की गिरफ्तारी की मांग की गई है। यह कदम इस ओर इशारा करता है कि सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। इस मामले पर प्रशासनिक और कानूनी जांच की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। पुलिस मुख्यालय ने भी राजस्थान सरकार को परीक्षा रद्द करने के लिए लिखा है। इस मामले में 30 सब इंस्पेक्टर और जांच के दायरे में है, जो फरार है।
राजस्थान के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के एडीजी की यह सलाह
बता दें कि इस पूरे घटनाक्रम के बारे में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के एडीजी विजय कुमार सिंह का कहना है कि राजस्थान में किसी भी भर्ती में इतने बड़े स्तर पर नकल होना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होने जैसा है। हम इस केस की तह तक जा रहे हैं। अभी और ज्यादा गिरफ्तारी होना बाकी है । कोशिश यही है कि जिन बच्चों ने नकल नहीं की है वह इस भर्ती में शामिल रह सकें। केस के बारे में लगातार अपडेट मुख्यमंत्री को भी दे रहे हैं। परीक्षा के भविष्य को लेकर जो भी फैसला होगा वह मुख्यमंत्री स्तर पर होगा।