
जोधपुर.. देश ही नहीं बल्कि विश्वभर में हम आए दिन ऑनलाइन फ्रॉड के कई मामले सुनते हैं। जहां लोग लाखों से करोड़ों रुपए फ्रॉड में गंवा देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में दो लड़के ऐसे भी हैं जो ऑनलाइन फ्रॉड करने वाली करीब 7 हजार से ज्यादा ऑनलाइन ऐप्स को बंद करवा चुके हैं। इनमें एक जोधपुर का तो दूसरा चुरू जिले का रहने वाला है।
जोधपुर के रहने वाले रोहित बताते हैं कि लोगों को 30 से 50 हजार का लोन देने के नाम पर यूजर्स से 45% ब्याज, प्रोसेसिंग और रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर आधे रुपए काट लिए जाते हैं। पूरे पैसे चुकाने के बाद भी बकाया निकालना लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है। यूजर्स को अलग-अलग तरीकों से ब्लैकमेल भी किया जाता है। लोग ऐसे ऐप के शिकार हो जाते हैं और फिर लाखों रुपए बर्बाद कर देते हैं। कई बार लोग इनका शिकार होने के बाद अपनी जान से भी हाथ धो बैठते हैं। इसी को लेकर ऑनलाइन फर्जी एप्स को बंद करवाने की मुहिम शुरू की।
वहीं चुरू जिले के रहने वाले बाबूलाल कहते हैं कि वह सॉफ्टवेयर टेक स्टैक पर 24 घंटे नजर रखते हैं। गूगल प्ले स्टोर और एप्पल के स्टोर पर जब भी कोई नई ऐप्स आती है तो वह उसकी टेक्निकल रूप से भी पड़ताल करते हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर जाकर देखते हैं कि नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी का लाइसेंस कैंसिल हुआ है। क्योंकि कई लोग ऐसे ऐप के लाइसेंस रद्द होने के बाद इस नाम और से लोगों के जरिए ऐप बनाकर लोगों को ठगने का काम करते हैं।
इन दोनों ने मिलकर फर्जी ऐप को ट्रैक करने के लिए अपनी वेबसाइट की बनाई है। जैसे ही उन्हें किसी फर्जी ऐप का पता चलता है तो उसे वह अपनी वेबसाइट पर ले लेते है। अब उनकी लोकप्रियता इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि प्ले स्टोर और ऐप स्टोर भी उनकी वेबसाइट पर नजर रखने लगे हैं। इन लोगों ने अब तक पीएलबी कैश, गेट लोन ऐप,पवन कैश ऐप,मंजीरा कैश पर्सनल लोन ऐप सहित कई ऐप बंद करवाई है। वहीं इन लोगों का कहना है कि गूगल प्ले स्टोर पर कैश कैश मॉर्टगेज सहित कई ऐप अभी प्ले स्टोर पर हैं,ऐसे ऐप्स से लोगों को बचना चाहिए।
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