राजस्थान में शादियों का दौर चल रहा है। इस दौरान कई शाही तो कई अनोखी शादियां हो रही है। इसी तरह की एक शादी राजसमंद जिले में हुई। जिसमें ऐसी बारात निकली की गांव के लोग बोले ऐसा लगा मानो राजा महाराजाओं का समय वापस आ गया हो। देखे इस बारात का वीडियो।r
राजसमंद (Rajsamand news). राजस्थान का राजसमंद जिला यानी श्रीनाथजी भगवान का क्षेत्र। भगवान श्री नाथ देश दुनिया के धनपति अंबानी परिवार के आराध्य हैं। हाल ही में 5जी की शुरुआत पूरे देश में यही सेस की गई है। इसके अलावा कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी श्रीनाथजी के दर्शन किए हैं। मंगलवार, 23 मई के दिन श्रीनाथजी का जिला राजसमंद एक बार फिर से चर्चा में है। वजह है यहां के रहने वाले एक एएसआई की बेटी की आई हुई बारात। लोगों ने ऐसी बारात सिर्फ राज महाराजाओं के समय आने का सुना और देखा था।
पारंपरिक तरीके से आई अनोखी बरात
दरअसल राजसमंद जिले के भीम थाने में तैनात एएसआई लालाराम सालवी की बेटी की शादी की चर्चा पूरे जिले के साथ ही प्रदेश में भी हो रही है। लालाराम सालवी की बेटी की शादी चुन्नी के भट्टे निवासी भंवरलाल सालवी के बेटे के साथ हुई है। दूल्हा जो बरात लेकर आया उसका स्वागत और सत्कार पुराने और पारंपरिक तरीके से किया गया, तो अलग ही माहौल बन गया। दरअसल चुन्नी के भट्टे से रवाना होकर बरात ठीकरवास पहुंची। जहां पर बरात का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। बरात सजे धजे बारातियों के साथ पुराने शाही अंदाज से आ रही थी।
ऊंट गाड़ियों में सवार होकर आई बारात को देखने के लिए लगी भीड़
चुनिंदा कारों के अलावा लंबा कारवां ऊंट गाड़ियों का था। हर ऊट गाड़ी में 6 से 7 बाराती और कुछ बच्चे थे। करीब 70 से ज्यादा ऊंट गाड़ियों में आई इस बारात को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर आ गए। लोगों का कहना था कि आजादी के बाद सालवी समाज में पहली बार इतने भव्य और पारंपरिक तरीके से शादी समारोह आयोजित किया गया है। जो बराती और घराती थे, उनमें से अधिकतर समाज से संबंधित वेशभूषा में ही नजर आए। बरात ने दुल्हन के घर में पहुंचने के लिए 15 किलोमीटर का सफर किया। स्टेट हाईवे से होकर गुजरता ऊटों का कारवां ऐसा लग रहा था मानो रेगिस्तान के जहाज किसी मिशन पर निकले हैं।
सालवी समाज ने शादी के बनाए नियमों का किया पालन
यह शादी समारोह कल यानि सोमवार को आयोजित किया गया था। थानेदार की बेटी की शादी में शामिल हुए सभी मेहमानों ने विलासिता से संबंधित वस्तुओं से दूरी बनाकर रखी। शादी का आयोजन एकदम भव्य था, लेकिन कहीं भी फिजूलखर्ची नहीं की गई। कुछ दिन पहले ही सालवी समाज ने अपने समाज से संबंधित शादी और विवाह में नए नियम कानून तय किए हैं। समाज की यह बैठक राजस्थान के पाली जिले में हुई है।
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