
बूंदी. राजस्थान में कोटा जिला शिक्षा की नगरी के नाम से मशहूर है। डॉक्टरी और इंजीनियरिंग करने वाले देश भर से छात्र यहां आकर अपने भविष्य के सपने बुनते हैं। लेकिन कोटा इन दिनों छात्रों की मौतों के कारण बदनाम हो रहा है। 10 दिन में ही 3 छात्रों ने अपनी जान दे दी । बुधवार शाम भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही एक छात्रा ने चौथी मंजिल से छलांग लगा दी। मरने से पहले उसने अपने माता-पिता के लिए सुसाइड नोट लिखा और उसमें सिर्फ गुड बाय शब्द लिखा । यह मामला अभी शांत हुआ भी नहीं की एक और छात्र की मौत की खबर सामने आई है। अब बूंदी जिले से 12वीं के छात्र की मौत की खबर है ।
बेबस स्टूडेंट ने पढ़ाई के आगे घुटने टेक दिए
बूंदी जिले में नैनवा थाना इलाके के मास्टर कॉलोनी में किराए का कमरा रहकर पढ़ने वाले 18 साल के राधेश्याम धाकड़ ने सुसाइड कर लिया । 12वीं की पढ़ाई करने वाला राधेश्याम जीव विज्ञान का छात्र था। राधेश्याम को अपने दो दोस्तों के साथ ट्यूशन पर जाना था । दोस्त उसके कमरे पर पहुंचे लेकिन कमरा अंदर से बंद था। राधेश्याम को लगातार फोन किए लेकिन उसने फोन नहीं उठाया । बाद में इसकी सूचना राधेश्याम के दोस्तों ने उसके मकान मालिक को दी मकान मालिक तुरंत मौके पर पहुंचे और रोशनदान से देखा तो राधेश्याम अंदर फंदे से लटका हुआ था ।
अक्सर करता था वो एक ही टेंशन
इसकी सूचना तुरंत राधेश्याम के पिता हेमराज नागर को दी गई । हेमराज नागर शारीरिक शिक्षक है । हेमराज के साथ ही नैनवा पुलिस को भी इसकी जानकारी दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल कर शव परिजनों को सौंप दिया । हेमराज नागर ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा पढ़ाई के कारण तनाव में था। वह कई बार फोन करके तनाव का जिक्र करता था ,लेकिन उसे हर बार यही समझाते थे कि बस पढ़ाई के बाद ही अच्छा भविष्य है । किसे पता था कि की राधेश्याम भविष्य के बारे में सोच ही नहीं रहा । पुलिस ने बताया कि हेमराज की 5 बेटियां हैं और उन पांचों में इकलौता बेटा राधेश्याम था । जो काफी मन्नतों के बाद पैदा हुआ था ,लेकिन अब इस दुनिया में नहीं है।
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