
rajasthan news :बांसवाड़ा और डूंगरपुर के सांसद राजकुमार रोत ने हाल ही में वागड़ क्षेत्र की एक दुकान पर जाकर गुटखे की बिक्री से जुड़े आंकड़ों की जानकारी ली और जो आंकड़े सामने आए, वे चौंका देने वाले हैं। एक छोटी सी दुकान से मिले इन आंकड़ों के आधार पर सांसद ने अनुमान लगाया कि वागड़ क्षेत्र में विमल गुटखे की खपत हर साल करीब 10 अरब रुपये की हो सकती है।
डूंगरपुर जिले की एक दुकान पर जब सांसद ने दुकानदार से गुटखे की बिक्री के बारे में पूछा, तो जवाब मिला – “रोजाना 12 पैकेट बिक जाते हैं।” सांसद ने एक पैकेट में विमल की संख्या पूछी तो बताया गया 30 नग, जिसे उन्होंने स्वयं गिनकर पुष्टि की।
8 पैकेट × 30 = 240 विमल प्रति दिन खर्च: 240 × ₹5 = ₹1200 सालाना खर्च: ₹1200 × 365 = ₹4,38,000 डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिलों में 914 ग्राम पंचायतें हैं। अगर हर पंचायत में औसतन 25–30 दुकानें हैं, तो कुल दुकानें: 914 × 25 = 22,850 दुकानें संपूर्ण अनुमानित खपत (वर्ष भर): ₹4,38,000 × 22,850 = ₹10 अरब (लगभग)
सांसद रोत ने यह जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए साझा करते हुए सवाल उठाया कि जब ग्रामीण समाज शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण जैसी आवश्यकताओं के लिए संघर्ष कर रहा है, तो इस तरह के उत्पादों पर इतना खर्च क्यों हो रहा हैउन्होंने युवाओं से अपील की कि वे विमल, गुटखा, सिगरेट, तंबाकू, शराब जैसे नशे से दूर रहें और समाज के विकास में सकारात्मक भूमिका निभाएं। सांसद की इस पहल को सोशल मीडिया पर भी खूब सराहा जा रहा है।
बता दें कि गुटखा खाने से कई तरह की गंभी बीमारियां होती हैं। खासकर कैंसर जैसी बीमारी आपको जकड़ लेती है। इसलिए कैंसर से बचना है तो आज ही तंबाकू -गुटखा काना बंद कर दीजिए। गुटखे के पैकेट के ऊपर स्वास्थय यके लिए हानिकारक लिखा होता है, इसके बाद भी लोग इस जहर को बड़े ही चाव से खा जाते हैं।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।