जब चमत्कार होता है तो मरा हुआ आदमी भी जिंदा हो जाता है। राजस्थान के सीकर जिले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। जहां एक महिला डॉक्टर को डॉक्टर्स की टीम ने ही ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे थे। लेकिन वह वापस लौट आई।
जयपुर. राजस्थान में हमने अक्सर सुना है कि ब्रेन डेड होने के बाद मरीज के पार्ट्स दूसरों को दान कर दिए जाते हैं। लेकिन बुधवार को राजस्थान में हुई एक घटना ने सबको चौंका दिया। दरअसल यहां राजधानी जयपुर में जिन डॉक्टर्स ने एक युवती को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। घरवाले उसकी अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे। लेकिन इसी बीच युवती की पल्स रेट और हार्टबीट वापस आ गई। ऐसे में अभी युवती को वापस हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। जहां उसका इलाज आईसीयू में चल रहा है।
पल्स और हार्ट बीट थम गई-ठंडी पड़ चुकी ती पूरी बॉडी
सीकर शहर की रहने वाली मिताली पारीक (23) जयपुर की महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस स्टूडेंट है। मिताली की इंटर्न चल रही थी। सोमवार को मिताली कार से दोस्त बर्थडे पार्टी में जाने के रवाना हुई। सिरसा रोड पर कार पेड़ से टकरा गई। हादसे में मिताली की गर्दन की हड्डी फ्रेक्चर हो गई। घायल मिताली को जयपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। सिर में चोट होने के कारण उन्हें वेंटीलेटर पर रखा। बुधवार सुबह डॉक्टरों ने मिताली को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद बॉडी परिजनो को सुपुर्द कर दी। परिजन एंबुलेंस से सीकर के लिए रवाना हुए। इस दौरान एंबुलेंस में डॉक्टर भी मौजूद रहे। रास्ते में डॉक्टर ने मिताली का चैकअप किया तो हालात गंभीर मिली। उसे सीपीआर दिया। लेकिन धीरे-धीरे पल्स और हार्ट बीट थम गई। मिताली की बॉडी भी ठंडी पड़ चुकी।
कफन में लिपटाने वाले थे बॉडी...तभी हो गया चमत्कार
मिताली के साथ आ रहे परिजनों ने इसकी जानकारी घर पर दे दी। परिजन घर पर दाह संस्कार की तैयारी करने लगे। कफन पर मंगवा लिया। इस बीच एंबुलेंस में साथ आ रहे डॉक्टर ने सीकर पहुंचकर मिताली की पल्स और हार्ट बीट चैक की। ऐसे में मिताली की पल्स और हार्ट बीट चल रही है। इसलिए परिजन उन्हें तुरंत एसके अस्पताल लेकर पहुंचे। मिताली रो आईसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू किया है। डॉक्टर के मुताबिक मिताली की पल्स और दूसरे अंग काम कर रहे है। ब्रेन में दिक्कत होने के कारण कोमा में है।
डॉक्टर बोले-वो मौत को मात देकर वापस लौट आई
वहीं विशेषज्ञों की माने तो इस तरह का यह पहला कोई केस नहीं है। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जो ब्रेन डेड होने के बाद पल्स रेट और हार्टबीट चली गई हो और वापस आ गई हो हालांकि बेहद कम मामले ही ऐसे होते हैं जिनमें मरीज लंबे समय तक जी सकें।