राजस्थान के सिरोही शहर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां मशीनों में धड़कन बंद होने वाली बच्ची को आधे घंटे में 11 इंजेक्शन लगाए और CPR देकर चमत्कारिक रुप से वापस लौटाई सांसे। 2 घंटे निगरानी के बाद बच्ची को बड़े अस्पताल के लिए किया रेफर।
सिरोही (sirohi News). राजस्थान का सिरोही जिला जहां हाल ही में बिपरजॉय तूफान ने कहर बरपाया था और करोड़ों रुपयों का नुकसान के साथ ही कई लोगों की जान भी ले ली थी। इस जिले से 9 साल की एक बच्ची का चमत्कारिक रूप से जीवन लौटाने का मामला सामने आया है। जिला अस्पताल में भर्ती हुई बच्ची कि सांस और धड़कन बंद हो गई। मशीन में सभी लाइने सीधी दिखाई दी। परिवार में रोना पीटना मचने लगा, लेकिन डॉक्टरों ने हिम्मत नहीं हारी। 5 डॉक्टरों की टीम ने आधे घंटे तक सीपीआर दिया और 11 इंजेक्शन लगाए उसके बाद बच्ची का शरीर हरकत में आया और उसकी धड़कन वापस लौट आई। 2 घंटे तक बच्ची को नजर में रखा और उसके बाद उसे उदयपुर के जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। पूरा घटनाक्रम किसी चमत्कार की तरह रहा।
सिरोही में सांसे बंद हो चुकी मासूम को किया भर्ती
दरअसल सिरोही जिले के शिवगंज इलाके में रहने वाले सोनाराम की 9 साल की बेटी सीता आज सवेरे शिवगंज के एक निजी अस्पताल में लाई गई थी। सीता सवेरे जब 6:00 बजे जागी, तो कुछ देर बाद ही वापस सो गई। कुछ देर में उसके मुंह से झाग निकलने लगे। परिवार वाले तुरंत उसे निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, वहां उसे मृत बता दिया गया। उसके बाद बच्ची को लेकर वे लोग सिरोही जिले के जिला अस्पताल में पहुंचे और वहां पर जब रिपोर्ट दिखाई तो डॉक्टर ने कहा कि बच्ची की मौत हो चुकी है। लेकिन उसके बाद भी बच्ची को वार्ड में भर्ती कर लिया गया।
35 मिनट में डॉक्टर यमराज से छीन लाए जिंदगी
अस्पताल मैं सवेरे डॉक्टर सुरेश और उनकी टीम थी। डॉक्टर सुरेश ने बताया कि बच्ची की रिपोर्ट परिवार के लोग लाए थे, वह ईसीजी रिपोर्ट थी। उसमें सभी लाइने सीधी थी, यानी बच्चे की मौत हो चुकी थी। लेकिन फिर भी मन नहीं माना और उसे बचाने की कोशिश की। चार लोगों के स्टाफ ने मिलकर काम किया और करीब 35 मिनट तक लगातार सीपीआर देते रहे। इसके अलावा तो दवाइयां मिलाकर इंजेक्शन लगाए। 35 मिनट के दौरान करीब 11 इंजेक्शन लगाए गए। यह वह इंजेक्शन है जो हार्ट पेशेंट को दिए जाते हैं। यानी जब हार्ट अटैक आता है और दिल की धड़कन बंद हो जाती है ऐसे में सीपीआर के साथ यह इंजेक्शन लगाए जाते हैं। हमने बच्ची के ऊपर भी यही ट्राई किया और चमत्कारिक रूप से बच्चे की धड़कन वापस लौट आई ।
परिवार में वापस लौटी खुशियां, 2 दिन हॉस्पिटल ऑबर्जवेशन में रखा
उसके बाद उसके परिवार के लोगों को उसे बड़े अस्पताल ले जाने के लिए कहा क्योंकि सिरोही जिला अस्पताल में संसाधन कम थे। वह लोग उसे सरकारी एंबुलेंस में डालकर उदयपुर जिले के जिला अस्पताल में ले गए। वहां बच्ची अब स्वस्थ है। डॉक्टर सुरेश ने बताया कि परिवार ने जो हालत बच्ची की बताई उससे लग रहा था कि संभवत है उसे कोई जहरीला कीड़ा काटा है । फिलहाल अब वह खतरे से बाहर है । लेकिन उसे 2 दिन अस्पताल में भर्ती रहना होगा । बच्ची के पिता सोनाराम मजदूरी करते हैं , उनके 10 बच्चे हैं ।जिनमें 6 बेटे और चार बेटियां हैं।