जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर जिले से डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। यहां पर ठग ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर को करीब 3 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किया और उसके अकाउंट से करीब 25 लाख रुपए भी निकाल लिए। आरोपी ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का डायरेक्टर जनरल होना बताया। पीड़ित ने जोधपुर के महामंदिर थाने में मामला दर्ज करवाया है।
बेंगलुरु से आया था जोधपुर
सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकित देवड़ा ने पुलिस में रिपोर्ट देकर बताया है कि वह 19 अगस्त को बेंगलुरु से जोधपुर में अपने घर पर आया हुआ था। इसी दौरान उसके पास सुबह 10 बजे के करीब एक कॉल आया और कॉल करने वाले ने उन्हें कहा कि वह मुंबई क्राइम ब्रांच का डायरेक्टर जनरल बोल रहा है और फिर अंकित को कहा कि अंकित के नाम से फेडेक्स पार्सल मुंबई से ईरान देश में भेजा जा रहा है। जिसमें कई पासपोर्ट, लैपटॉप और करीब 350 ग्राम एमडीएम ड्रग्स है।
रक्षाबंधन पर आया फोन तो घबरा गया अंकित
पहले तो अंकित ने उसे कहा कि उसे इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। लेकिन इसके बाद अंकित के पास दोबारा कॉल आया और आरोपी ने कहा कि अगर कार्रवाई में हमारी मदद नहीं की तो तुम्हें अरेस्ट कर लिया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन लगातार फोन आने पर अंकित घबरा गया और उसने यह बात घर पर किसी को भी नहीं बताई। कॉल करने वाले आरोपी ने अंकित से उसके अकाउंट और अन्य जानकारी ले ली। करीब तीन दिन बाद उसे पता चला कि उसके अकाउंट से 25 लाख रुपए निकाल लिए।
पहले भी हो चुकी वारदात
राजस्थान में इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले जनवरी में झुंझुनू जिले में एक प्रोफेसर से 7.67 करोड़ और राजधानी जयपुर सहित अन्य मामलों में इस तरह की कई वारदात हो चुकी है। हालांकि आरोपी दूसरे देशों के वीपीएन के जरिए पूरी वारदात को अंजाम देते हैं। ऐसे में आरोपी पुलिस की पकड़ में आसानी से नहीं आ सकते। मामले में डीजीपी यूआर साहू का कहना है कि जब भी इस तरह का कॉल किसी के पास आए तो उन्हें अपनी कोई भी जानकारी शेयर नहीं करें। बल्कि अपने नजदीक पुलिस थाने या ऑनलाइन पोर्टल पर तुरंत इसकी शिकायत करें।
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