हर कोई अपनी शादी को स्पेशल बनाने के लिए लाखों रुपए पानी की तरह बहा देता है। लेकिन राजस्थान के श्रीगंगानगर से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां एक पिता ने अपने बेटी की शादी में फिजूलखर्चा करने की बजाय तीन लोगों को रोजगार दिया।
श्रीगंगानगर (राजस्थान). आमतौर पर हम सुनते हैं कि शादी होने पर लड़का लड़की का घर बसता है। लेकिन क्या कभी आपने यह सुना है कि एक लड़का लड़की की शादी होने पर 3 लोगों को रोजगार मिल सकता है। राजस्थान में ऐसा हुआ है। यह अनोखा मामला राजस्थान के श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ का है। यहां के रहने वाले एक फाइनेंसर ने अनूठी मिसाल पेश की है।
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फाइनेंसर ने अपनी बेटी की शादी पर कच्ची बस्ती में रहने वाले कचरा बीनने वाले 3 लोगों को रोजगार दिलाने के लिए उन्हें चाय नाश्ते का ठेला शुरू करवाया है। इन तीनों ठेलों की शुरुआत भी फाइनेंसर की बेटी और दामाद दीपक ने की। दरअसल अनूपगढ़ के वार्ड नंबर 27 के रहने वाले नारायण दास गोल्ड फाइनेंस का काम करते हैं उन्होंने अपनी बेटी विनीता की शादी के बाद वार्ड नंबर 11 के रहने वाले ओमप्रकाश, बलजिंदर और गुरजिंदर को रोजगार शुरू करवा कर दिया है।
शादी में फिजूलखर्ची की बजाय उठाया सराहनीय कदम
तीनों युवकों को रोजगार मिला है। वह पहले घर-घर जाकर कचरा बीनने और आटा मांगने का काम करते थे। लेकिन रोजगार मिलने के बाद उनकी परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक हो जाएगी। समाज के लोगों का कहना है कि यह पहल काफी सराहनीय है। लोगों को शादी में फिजूलखर्ची की बजाय ऐसे सराहनीय कदम उठाने चाहिए।
राजस्थान में इस तरह का पहला ही मामला
पूरे राजस्थान में इस तरह का यह पहला ही मामला है जब बेटी की शादी होने पर किसी ने रोजगार शुरु करवा कर दिया हो। जबकि इससे पहले गरीबों को दान, विकलांगों की सेवा करना जैसे कई मामले सामने आ चुके हैं। बरहाल गोल्ड फाइनेंस नारायणदास की इस अनूठी पहल की चर्चा केवल श्रीगंगानगर ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान में है।