टोंक, राजस्थान के टोंक जिले की देवली.उनियारा विधानसभा क्षेत्र में बुधवार शाम से शुरू हुआ बवाल देर रात तक चला। समरावता गांव में हुए इस हिंसक घटनाक्रम में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा के समर्थक और पुलिस के बीच झड़प में 15 से अधिक लोग घायल हो गए। पुलिस को उग्र भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। स्थिति इतनी बिगड़ी कि पुलिस को रातभर छापेमारी करनी पड़ी और गुरुवार सुबह तक इलाके में तनाव बना रहा। स्पेशल टास्क फोर्स और कई जिलों से बटालियन बुलाकर देवली में तैनात की गई है। प्रभावित इलाकों में देर रात इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब नरेश मीणा ने मतदान के दौरान एक एसडीएम को थप्पड़ मारा। नरेश मीणा का आरोप था कि गांव के लोग मतदान का बहिष्कार कर रहे थे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें धमकाकर वोट डालने के लिए मजबूर किया। इसके बाद, जब पोलिंग पार्टियां बूथ से निकलने लगीं, तो नरेश मीणा और उनके समर्थक धरने पर बैठ गए। जब पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश की, तो दोनों पक्षों में झड़प हो गई। इस झड़प के बाद पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उनके समर्थकों ने उसे छुड़ा लिया और स्थिति और भी बिगड़ गई।
समरावता गांव के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था, क्योंकि उन्हें यह शिकायत थी कि गांव को देवली तहसील से नगर फोर्ट तहसील में शामिल कर दिया गया था, जो करीब 100 किलोमीटर दूर है। ग्रामीणों की मांग थी कि उनका गांव फिर से उनियारा तहसील से जुड़ा रहे, क्योंकि वह उनके लिए ज्यादा सुविधाजनक था। यह विरोध पहले से ही चल रहा था और इस मुद्दे को लेकर ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव में भी मतदान का बहिष्कार किया था।
नरेश मीणा ने इस मामले में आरोप लगाया कि एसडीएम ने जबरन वोट डलवाए और उन्हें और अन्य कर्मचारियों को धमकाया। इसके बाद, नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मारा और समर्थकों को हिंसक तरीके से विरोध करने के लिए उकसाया। इस घटना के बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का प्रयोग किया और इलाके में गश्त बढ़ा दी।
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया। वहीं, आरएएस एसोसिएशन ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए नरेश मीणा की गिरफ्तारी की मांग की है। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे पेन डाउन स्ट्राइक पर जाएंगे।कलेक्टर डॉ. सौम्या झा ने कहा कि मतदान के बहिष्कार के मुद्दे को चुनाव बाद सुलझाया जाएगा और समरावता गांव को उनकी मांग के अनुसार उनियारा तहसील में जोड़ने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा।
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