उदयपुर (राजस्थान). उदयपुर जिले के मावली क्षेत्र के गाडियावास गांव में रहने वाली 108 वर्षीय बुजुर्ग महिला झमकू बाई का निधन हो गया। उनका निधन शुक्रवार को हुआ। झमकू बाई ने अपने पूरे जीवन में चार पीढ़ियों के साथ समय बिताया और 108 साल की उम्र में हंसते-हंसते इस दुनिया को अलविदा कहा। उनके परिवार में कुल 50 सदस्य हैं, जिसमें 8 पड़ पौत्र और 22 पड़ पौत्रियां शामिल हैं। वे राजस्थान की संभवत सबसे बुजुर्ग महिला थीं और एक स्वस्थ जीवन जीते हुए इस दुनिया से चली गईं। अंतिमसमय में भी वे खुद के सारे काम खुद ही करती थीं, कभी बीपी, शुगर तो दूर पेट दर्द की दवा तक नहीं ली।
झमकू बाई के बेटे यमुना शंकर पंचोली ने बताया कि उनकी माता के 3 बेटे, 5 बेटियां, 6 पोते, 1 पोती, 8 दोहिते और 7 नातिनें हैं । झमकू देवी का जीवन बहुत ही साधारण और स्वस्थ था। वे हमेशा अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जीती थीं। 106 साल की उम्र तक वे खाना पकाने जैसे घरेलू काम करती रही थीं और स्वास्थ्य संबंधी किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं किया।
झमकू बाई धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। वे प्रतिदिन मंदिर जाती थीं और पूजा-पाठ करती थीं। इसके अलावा, वे खेतों में भी काम करती थीं। उनकी नियमित दिनचर्या और सक्रिय जीवनशैली ने उन्हें लंबी उम्र दी। कोरोना काल में भी झमकू बाई पूरी तरह से स्वस्थ रही थीं और उन्होंने एक108 भी वैक्सीनेशन नहीं करवाया था।
उनके निधन से गांव में शोक की लहर है, लेकिन परिजनों को इस बात का संतोष है कि उन्होंने अपना पूरा जीवन स्वस्थ और खुशहाल तरीके से बिताया। झमकू बाई का जीवन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जिन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर चार पीढ़ियों का साक्षी बनने का अद्भुत उदाहरण पेश किया।
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