राजस्थान की झीलों की नगरी उदयपुर सनसनीखेज खबर सामने आई। लड़की को भगाने के आरोप में पुलिस थाने लाए गए आरोपी की जान चली गई। बेटे की जान जाने का पता चलते ही परिजनों ने किया विरोध। SP ने कार्रवाई करने में ढिलाई बरती तो DGP ने पूरे थाने को लाइन अटैच किया।
उदयपुर (Udaipur news). झीलों की नगरी उदयपुर जिला शुक्रवार के दिन चर्चा में है। उदयपुर शहर का एक थाना गोगुंदा जहां शुक्रवार की दोपहर तक उसमें करीब 50 पुलिसकर्मियों का स्टाफ था। लेकिन दोपहर के बाद पूरे थाने को ही निपटा दिया गया। थाना अधिकारी और तीन पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है, बाकी पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया है। थाने में नए स्टाफ को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और एसपी को कहा गया है कि 24 घंटे के अंदर अंदर थाने में पूरा नया स्टाफ भर दिया जाए । यह सब कुछ कल रात थाने में हुई एक मौत को लेकर है ।
ये है पूरा घटनाक्रम
दरअसल गोगुंदा थाने में बीती रात एक लड़के की जान चली गई। पुलिस उसे लड़की भगाने के आरोप में पूछताछ करने के लिए थाने लाई थी। उसके बाद शुक्रवार, 26 मई की सुबह सवेरे उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, पता चला उसकी मौत हो गई। पुलिस वालों का कहना है कि उसे हार्ट अटैक आया था, जबकि परिवार का कहना है कि पुलिस वालों ने उसे मार मार कर उसकी हत्या कर दी। वहीं पूरे घटनाक्रम के बारे में उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने बताया कि सुरेंद्र नाम के 22 साल की लड़के को पूछताछ के लिए थाने में लाया गया था, लेकिन थाना अधिकारी अनिल कुमार विश्नोई और उनकी टीम ने कुछ लापरवाही बरती। इस कारण उन पर गाज गिरी। जिसमें तीन पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया वहीं पूरे थाने को लाइन हाजिर किया गया है।
पीड़ित पिता को सुबह बेटे के सीरियस होने की दी जानकारी
सुरेंद्र सिंह के पिता 65 साल के उदय सिंह का कहना है कि उनके बेटे ने किसी को नहीं भगाया, वह उनके साथ काम कर रहा था। कल पुलिस उसे उठाकर ले गई। पूरे दिन से लेकर शाम तक उदय सिंह थाने के बाहर बैठे रहे और अपने बेटे से मिलने की कोशिश करते रहे, लेकिन पुलिस वालों ने उन्हें नहीं मिलने दिया और थाने से भगा दिया। बाद में आज तड़के सूचना दी कि बेटे की कंडीशन कुछ खराब है , उसे अस्पताल ले जाया गया है । पता चला उदय सिंह के पहुंचने से पहले अस्पताल में उसकी मौत हो गई । इसकी सूचना जैसे ही समाज के लोगों को लगी थाने पर बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई । आज दोपहर तक परिवार के लोगों ने थाने के बाहर धरना दिया और लाश लेने से इनकार कर दिया ।
पुलिस पर कार्रवाई की मांगों को लेकर अड़ा परिवार
सुरेंद्र के पिता उदय सिंह का कहना था कि जब तक पुलिस वालों पर कार्रवाई नहीं होगी और परिवार के आश्रितों को नौकरी नहीं मिलेगी तब तक लाश नहीं उठाएंगे। परिवार का आरोप है कि करीब डेढ़ महीने पहले भी मारपीट के एक मामले में सुरेंद्र सिंह को पुलिस उठा ले गई थी और 2 दिन तक थाने में रखकर बुरी तरह पीटा था। इस बार लड़की के एक मामले में सुरेंद्र सिंह को बुरी तरह मारा गया।
एसपी विकास शर्मा का कहना है कि गुजरात से सुरेंद्र और कथित लड़की को बरामद किया गया था। एसपी का कहना है कि सुरेंद्र सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा कि पुलिसकर्मियों ने उसके साथ मारपीट की है या उसकी नेचुरल डेथ हुई है। हालांकि आक्रोश को कम करने के लिए डीजीपी उमेश मिश्रा में पूरे थाने को निपटा दिया है।
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