
उदयपुर. मेवाड़ राजवंश के प्रतिष्ठित सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ (arvind singh mewar passed away) का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उदयपुर स्थित सिटी पैलेस के शंभू निवास में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर से पूरे मेवाड़ में शोक की लहर दौड़ गई है। 50000 करोड़ की संपत्ति को लेकर दोनों भाइयों के बीच में विवाद चल रहा है।
13 दिसंबर 1944 को सिटी पैलेस, उदयपुर में जन्मे अरविंद सिंह मेवाड़, महाराणा प्रताप के वंशज थे। वे अपने पूर्वजों की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे। उन्होंने न केवल सिटी पैलेस के संरक्षण और विस्तार में योगदान दिया, बल्कि मेवाड़ की संस्कृति और परंपराओं को जीवंत बनाए रखा।
पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन 17 मार्च को सुबह 7 बजे से होंगे। अंतिम यात्रा शंभू निवास से बड़ी पोल, जगदीश चौक, घंटाघर, बड़ा बाजार, देहली गेट होते हुए महासतिया के लिए प्रस्थान करेगी।
भाई की मृत्यु के बाद बढ़ा राजपरिवार का विवाद बीते वर्ष 10 नवंबर 2024 को उनके बड़े भाई महेंद्र सिंह मेवाड़ का निधन हुआ था। इसके बाद राजपरिवार के अंदर प्रॉपर्टी विवाद फिर सुर्खियों में आ गया। राजतिलक की रस्म के दौरान, जब महेंद्र सिंह मेवाड़ के पुत्र धूणी दर्शन के लिए सिटी पैलेस पहुंचे, तो गेट बंद कर दिए गए, जिससे विवाद और बढ़ गया।
मेवाड़ की विरासत और संपत्ति विवाद पूर्व महाराणा भगवंत सिंह मेवाड़ ने 1963 से 1983 के बीच राजपरिवार की कई संपत्तियां लीज पर दे दी थीं। इस फैसले से नाराज होकर बड़े बेटे महेंद्र सिंह ने कोर्ट में केस दर्ज कर संपत्तियों का बराबर बंटवारा करने की मांग की। हालांकि, भगवंत सिंह ने अपने छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ को संपत्तियों का एग्जीक्यूटर घोषित किया, जिससे यह मामला और जटिल हो गया।
निधन के बाद मेवाड़ के भविष्य पर उठ रहे सवाल अरविंद सिंह मेवाड़ के निधन के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि मेवाड़ की विरासत और संपत्तियों का भविष्य क्या होगा? राजपरिवार के भीतर वर्षों से चला आ रहा विवाद अब किस दिशा में जाएगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं। उनके पास करीब 50000 करोड़ की संपत्ति है।
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