जातिसूचक शब्दों पर राजस्थान हाईकोर्ट का चौंकाने वाला फैसला!

Published : Nov 15, 2024, 07:07 PM ISTUpdated : Nov 15, 2024, 07:08 PM IST
 Rajasthan High Court for caste word

सार

राजस्थान हाईकोर्ट ने कुछ शब्दों को जातिसूचक नहीं माना। भंगी, नीच जैसे शब्दों पर SC/ST एक्ट लागू नहीं होगा। अतिक्रमण विवाद में आया फैसला।

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज एक मुकदमे में कुछ शब्दों को जातिसूचक के रूप में न मानने का आदेश दिया है। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ... भंगी, नीच, भिखारी और मंगनी जैसे शब्द जातिसूचक नहीं हैं और इन शब्दों के इस्तेमाल पर एससी-एसटी एक्ट की धाराएं नहीं लगाई जा सकतीं। यह मामला अतिक्रमण हटाने के दौरान एक विवाद से जुड़ा था, जिसमें विभाग के कर्मचारियों के साथ बहस हुई थी।

जानिए जज ने अपने पूरे फैसले में क्या कहा….

जस्टिस बीरेन्द्र कुमार की बेंच ने इस मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया कि चार आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट की धाराएं हटा दी जाएं। आरोपियों ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उन पर लगाए गए आरोप गलत थे और उन्हें जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का इरादा नहीं था। आरोपियों का कहना था कि उन्हें पीड़ित की जाति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और यह भी कि घटना सार्वजनिक रूप से नहीं हुई थी, जैसा कि अभियोजन पक्ष दावा कर रहा था।

जज ने कहा-जाति को लेकर कोई अपमानजनक इरादा नहीं था

कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आरोपियों ने जो शब्द इस्तेमाल किए, वे जातिसूचक नहीं हैं और इन शब्दों का कोई जाति आधारित संदर्भ नहीं था। इसके अलावा, यह भी साफ किया कि आरोपियों के खिलाफ यह साबित नहीं हो सका कि वे पीड़ित की जाति से परिचित थे या फिर उनकी जाति को लेकर कोई अपमानजनक इरादा था। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि लोकसेवकों के सार्वजनिक कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालने के आरोप में आपराधिक मुकदमा जारी रहेगा।

पहली बार आया इस तरह का मामला

याचिकाकर्ताओं के वकील ने यह तर्क भी दिया कि गालियों का प्रयोग अपमानित करने के उद्देश्य से नहीं, बल्कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे गलत माप के विरोध में था। उनके अनुसार, यह कोई जातिवाद आधारित अपराध नहीं था, बल्कि एक प्रशासनिक विवाद था। इस फैसले ने यह सवाल खड़ा किया है कि इन शब्दों का इस्तेमाल कब जातिवाद की श्रेणी में आता है और कब नहीं.... । इस तरह का मामला पहली बार ही सामने आया है।

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