
भरतपुर (राजस्थान). भरतपुर जिले में कामां थाना क्षेत्र के गांव हजारीवास में ग्रामीणों ने साइबर ठगी, गोकशी, गोतस्करी और शराब जैसी बुराइयों को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से एक पंचायत का आयोजन किया। पंचायत में स्थानीय निवासियों के साथ कामां थाना पुलिस भी उपस्थित रही। पंचायत का उद्देश्य गांव को अपराध मुक्त बनाना और समाज में नैतिकता का प्रचार करना था।
पंचायत के दौरान एक समिति का गठन किया गया, जो गांव में अपराध रोकने और दोषियों को दंडित करने के लिए कार्य करेगी। समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जो व्यक्ति ऑनलाइन साइबर ठगी, गोकशी या गोतस्करी जैसे अपराधों में लिप्त पाया जाएगा, उस पर ₹51,000 का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, जो भी व्यक्ति ऐसे अपराधियों की सूचना समिति को देगा, उसे ₹11,000 का इनाम दिया जाएगा।
शराब जैसी सामाजिक बुराई को रोकने के लिए पंचायत ने कड़ा कदम उठाया। तय किया गया कि गांव में शराब पीते पकड़े जाने पर व्यक्ति पर ₹11,000 का जुर्माना लगाया जाएगा, और जानकारी देने वाले को ₹5,100 का इनाम मिलेगा। पुलिस प्रशासन ने भी इस पहल की सराहना की। पुलिस ने कहा कि कानून का पालन करने वाले निर्दोष व्यक्तियों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी। यदि कोई निर्दोष व्यक्ति किसी गलती से पुलिस की चपेट में आ जाता है, तो समिति उसकी सहायता के लिए आगे आएगी और पुलिस के समक्ष उसकी सफाई प्रस्तुत करेगी।
इस पंचायत के माध्यम से ग्रामीणों ने एकजुट होकर यह संदेश दिया कि वे अपराध और बुराइयों के खिलाफ सख्त हैं। समिति का यह कदम गांव में सुरक्षा, शांति और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह उदाहरण अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है, जहां सामूहिक प्रयासों से अपराधों को रोका जा सकता है।
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