देश में 11 वंदे भारत ट्रेन की शुरूआत हो चुकी है। यात्रियों में इसे लेकर उत्साह है। लेकिन राजस्थान में ट्रेन के शुरू होने से पहले ही विवादों में फंस गई है। जयपुर और अजमेर मंडल के रेलवे कर्मचारियों के बीच यह विवाद छिड़ा है। जिसका असर यात्रियों पर होगा।
जयपुर. राजस्थान में वंदे भारत ट्रेन अभी तक चलना शुरू नहीं हुई है लेकिन शुरू होने से पहले ही यह ट्रेन विवादों में आ गई है इसका कारण है कि राजस्थान में कर्मचारियों की मांगे। ट्रेन का ट्रायल और मेंटेनेंस रेलवे के अजमेर मंडल ने करवाया लेकिन रेलवे ने इसमें काम करने के लिए जयपुर मंडल के कर्मचारियों को लगा दिया। इसी बात को लेकर अब दोनों मंडलों के बीच विवाद भी छोड़ चुका है।
आखिर क्या है विवाद की असली वजह
अजमेर मंडल के कर्मचारियों जिनमें गार्ड लोको पायलट सहित तमाम स्टाफ ने बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है। क्योंकि उनका कहना है कि जब ट्रेन का सब कुछ हमने ही किया तो फिर जयपुर वालों को ही इस ट्रेन के संचालन की जिम्मेदारी क्यों। दरअसल आपको बता दें कि ट्रेन में जो रनिंग स्टाफ और चेकिंग स्टाफ होता है उसे किलोमीटर के हिसाब से रुपए मिलते हैं। ऐसे में लंबे टूर की वंदे भारत ट्रेन में जो कर्मचारी काम करेगा उसके रुपए भी उतने ही ज्यादा होंगे। इसी को लेकर अजमेर मंडल के कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं।
मामले को लेकर रेलवे अधिकारियों का क्या कहना है...
हालांकि इस पूरे मामले में रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक केवल यह एक प्रस्ताव ही है कि जयपुर मंडल के कर्मचारी इस में काम करेंगे लेकिन इसके बाद भी अजमेर मंडल के कर्मचारियों में लगातार विरोध है। जिनका कहना है कि इस ट्रेन के मेंटेनेंस का काम हमारे सेक्शन इंजीनियर जूनियर इंजीनियर टेक्निशियन और अन्य असिस्टेंट ने किया लेकिन उन्हें इसी तरह की ट्रेनिंग तक नहीं दी गई। ऐसे में हमारी मांग है कि उन्हें ट्रेनिंग दिलवाई जाए। इसके अलावा यदि अजमेर मंडल कोर्स की वर्किंग नहीं मिलती है तो वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन के समय भी कर्मचारी अपना विरोध जारी रखेंगे।