
जयपुर. राजस्थान में जब इस बार बीजेपी ने अपने नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम की घोषणा की तो सबसे ज्यादा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चौंकी। अब मंत्रिमंडल में भी एक बार ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिलेगा क्योंकि पार्टी वसुंधरा गुट के नेताओं को मंत्रिमंडल में भी जगह कम ही देगी। माना जा रहा है कि बीजेपी उन नेताओं को मंत्रिमंडल में ज्यादा जगह देगी जो लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस से जुड़े हुए हो।
जानिए कैसा होगा राजस्थान का मंत्रिमंडल
आपको बता दे कि इस बार राजस्थान में चुनाव राजस्थान के किसी बीजेपी के नेता के चेहरे पर नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा गया। ऐसे में पूरी संभावना जताई जा रही है कि मंत्रिमंडल में इस बार पुराने चेहरे बेहद कम देखने को मिलेंगे। हालांकि इस बात से भी नहीं नकारा जा सकता कि बुजुर्ग नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगी। राजस्थान में मंत्रिमंडल युवा और दिग्गज नेताओं वाला देखने को मिलेगा।
वसुंधरा राजे के इन करीबियों के नहीं मिलेगी जगह?
माना जा सकता है कि वसुंधरा समर्थित विधायक जसवंत यादव, श्रीचंद कृपलानी और कालीचरण सराफ को इस बार मौका नहीं मिलेगा। इन तीनों की जगह तिजारा विधानसभा से चुनाव जीतने वाले बाबा बालकनाथ को मंत्री बनाया जा सकता है। इसके अलावा हवा महल विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले बालमुकुंद आचार्य को मौका मिल सकता है।
मंत्रिमंडल में 4 से 5 महिला बनेंगी मंत्री
इस बार राजस्थान के मंत्रिमंडल में 4 से 5 महिला मंत्री होगी। जिनमें दिप्ती माहेश्वरी,नौक्षम चौधरी, अनीता भदेल का नाम सबसे आगे माना जा रहा है। इसके अलावा पार्टी के मंत्रिमंडल में किरोड़ीलाल मीणा, पुष्पेंद्र सिंह राणावत सहित कई चेहरे देखने को मिल सकते हैं। कुल मिलाकर यूं कहें कि राजस्थान में मंत्रिमंडल भी मुख्यमंत्री के नाम की तरह चौंकाने वाला होगा।
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