
Jagdeep Dhankhar Resignation : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक से इस्तीफा देकर देश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। हालांकि इसके पीछे उन्होने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। वैसे तो 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक पूरा होना था। इसी बात पर विपक्षी पार्टियां कई सवाल खड़े कर रही हैं। आइए इसी बीच जानते हैं धनखड़ के बारे में 10 खास बातें…कैसे एक किसान का बेटा वाइस प्रेसिडेंट बन गया….
18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनूं जिले के छोटे से गांव किठाना में जन्मे जगदीप धनखड़ एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता का नाम गोपाल चंद और माता का नाम केसरी देवी था।
पैदल चलकर की धनखड़ ने प्राथमिक शिक्षा अपने गांव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। कक्षा 6 के बाद वे रोजाना 4-5 किलोमीटर दूर घाढ़ाना गांव के मिडिल स्कूल तक पैदल पढ़ने जाते थे।
1962 में धनखड़ का चयन चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल में हुआ, जहां उन्हें फुल मेरिट स्कॉलरशिप मिली। यहां से उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट पास किया। साइंस से ग्रेजुएट होने के बाद धनखड़ ने कानून की पढ़ाई की। उन्होंने पहले जयपुर के महाराजा कॉलेज से B.Sc (ऑनर्स) इन फिजिक्स किया और फिर राजस्थान विश्वविद्यालय से 1979 में LLB की डिग्री ली।
धनखड़ ने 1979 में राजस्थान बार काउंसिल में वकील के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराया। 1990 में उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा सीनियर अधिवक्ता के लिए चुना गया।
धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट में वकील के रूप में भी काम किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और अन्य उच्च न्यायालयों में खनन, स्टील, कोयला और दूसरे देशों की कंपनियों के बीच व्यापारिक विवाद सुलझाने के लिए भी काम कर चुके हैं।
1991 में जगदीप धनखड़ कांग्रेस पार्टी के नेता थे, इसी दौरान उन्होंने अजमेर लोकसभा से चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार गए। फिर दो साल बाद 1993 में वह किशनगढ़ विधानसभा से विधायक का चुनाव जीते। हालांकि इससे पहले वह 1989 में जनता दल से सांसद बने थे।
धनखड़ वर्ष 1989 में जनता दल से सांसद बने और 1990 में केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री नियुक्त किए गए। बाद में राजस्थान विधानसभा के सदस्य भी रहे। 2003 में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
धनखड़ जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी बने। उनका कार्यकाल राज्य सरकार से टकराव और संवैधानिक मुद्दों पर हस्तक्षेप को लेकर काफी चर्चित रहा।
भाजपा ने 2022 में उन्हें एनडीए का उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था। 6 अगस्त 2022 को 528 वोटों से विजयी होकर जगदीप धनखड़ भारत के 14वें उपराष्ट्रपति बने।
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