
जयपुर. राजस्थान के 9 जिलों में 10,746 लोग सिकल सेल एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी से प्रभावित हैं। इन मरीजों की पहचान गुलाबी और नीले जेनेटिक काउंसलिंग आईडी कार्ड (GCID) से होती है। यह बीमारी आनुवंशिक होती है और इसके चलते मरीजों को जीवनभर कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बड़ी बात यह है कि सरकार ने इस रोग से पीड़ित लोगों को शादी नहीं करने की चेतावनी दी है डॉक्टर का कहना है जब तक रोग पूरी तरह सही नहीं हो जाए शादी ना करें।
सिकल सेल एनीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को सामान्य रूप से बढ़ने नहीं देता। इससे लाल रक्त कोशिकाएं अपनी सामान्य संरचना खो देती हैं और शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो जाती है। इसके कारण मरीज को लगातार कमजोरी, चक्कर आना और असहनीय दर्द झेलना पड़ता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों की औसत आयु कम होती है, और अक्सर 50 वर्ष से पहले ही मृत्यु हो जाती है।
सरकार ने इस बीमारी के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रभावित पुरुषों और महिलाओं को आपस में विवाह करने से मना किया है, क्योंकि इससे अगली पीढ़ी भी इस बीमारी से ग्रस्त हो सकती है। राजस्थान के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने इन जिलों में विशेष जागरूकता अभियान चलाया है, ताकि लोग शादी से पहले मेडिकल जांच करवा सकें।
भारत सरकार ने सिकल सेल एनीमिया के लिए दो वैक्सीन को मंजूरी दी है। एक वैक्सीन की कीमत 10 से 12 हजार रुपये है, लेकिन सरकार इसे निशुल्क उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। हालांकि, यह वैक्सीन पूरी तरह से बीमारी को खत्म नहीं करती, लेकिन इसके प्रभाव को कम कर सकती है।
राजस्थान में पिछले एक साल में हुए सर्वे में 2,980 लोग सिकल सेल पॉजिटिव पाए गए, जबकि 7,766 लोगों में इसके शुरुआती लक्षण देखे गए। सरकार इस बीमारी को रोकने के लिए विशेष प्रयास कर रही है, ताकि आने वाली पीढ़ी इससे बच सके।
सिकल सेल एनीमिया राजस्थान के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है। सरकार और चिकित्सा विभाग इसके नियंत्रण के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। आम जनता को भी इसके प्रति जागरूक होकर विवाह से पहले अनिवार्य रूप से मेडिकल जांच करवाने की जरूरत है।
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