
जयपुर। बेरोजगारी ने एक बार फिर पूरे परिवार को बड़ा जख्म दे दिया है। राजधानी में कर्ज के दंश से परेशान पूरे परिवार ने जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। घटना में 5 महीने का बच्चा और उसकी मां की मौत हो गई है जबकि परिवार का मुखिया यानी पिता और उसकी 5 साल की बेटी भी अस्पताल में भर्ती है। कई घंटे बाद भी उन्हें होश नहीं आया है। पुलिस दोनों के होश में आने का इंतजार कर रही है ताकि बयान ले सके।
मामला जयपुर के प्रताप नगर थाना इलाके का है। आज सवेरे इस मामले में पुलिस को कुछ और जानकारी मिली है। इस आधार पर जांच पड़ताल शुरू की जा रही है। प्रताप नगर इलाके में किराए के घर में रहने वाले मनोज ने पूरे परिवार को मौत की नींद सुलाने की प्लानिंग की थी। रविवार को मनोज बाजार से जहर खरीद कर लाया और उसने पत्नी से घर में हलवा बनाने के लिए कहा।
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हलवा बनवाकर मिलाया जहर
बेरोजगारी और कर्ज से परेशान पत्नी को जब हलवा बनाने के लिए उसने कहा तो एक बार वह भी चौंक गई। उसके बाद जब उसकी पत्नी साक्षी ने हलवा बनाया तो उसमें चुपके से मनोज ने जहर मिला दिया। उसके बाद यह हलवा 5 महीने के बच्चे अथर्व और अपनी 5 साल की बेटी को अपने हाथों से खिलाया। जब बच्चों की तबीयत माता-पिता के सामने बिगड़ने लगी तो वह खुद को नहीं रोक सके।
बच्चों की तबीयत बिगड़ी तो खुद ही कैब से अस्पताल लेकर पहुंचा
मनोज ने फोन कर कैब बुलाई और खुद ही अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंचा। महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचने के बाद जब चारों की तबीयत और ज्यादा बिगड़ने लगी तो उनको एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। एसएमएस अस्पताल में कल रात साक्षी और अथर्व की मौत हो गई। वहीं मनोज और उसकी 5 साल की बच्ची की हालत गंभीर है। दोनों का इलाज चल रहा है।
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पहले भी कर्ज बढ़ने पर ससुराल पक्ष ने की थी 5 लाख की मदद
आज सवेरे मनोज के साले ने पुलिस को बताया कि परिवार पर काफी कर्ज था। मनोज ऑनलाइन डिलीवरी का काम करता था। कुछ समय पहले भी परिवार पर कर्ज था ऐसे में साक्षी के भाई और परिवार ने करीब 5 लाख रुपए से उसकी मदद की थी, लेकिन फिर से उसपर कर्ज होने लगा और उसके बाद नौकरी भी छूट गई। बेरोजगारी और आर्थिक तंगी से परेशान होकर मनोज ने यह कदम उठाया है।
मनोज की डायरी में लिखी थी कर्ज की बातें
इसकी जानकारी पुलिस को मनोज के घर में मिली एक डायरी में भी मिली है। उसमें भी कर्ज से परेशान होने की और बेरोजगारी से परेशान होने की बातें लिखी हुई हैं। प्रताप नगर पुलिस ने कहा कि मनोज अगर बयान देने की स्थिति में आता है तो उससे बातचीत की जाएगी। बयान लिया जाएगा कि आखिर मनोज ने किस तरह का कर्ज ले रखा था। कई बार लोग सूदखोरों के जाल में फंसकर भी आत्महत्या कर लेते हैं।
भोपाल में भी हुआ था ऐसा ही मामला
कुछ समय पहले भोपाल में रहने वाले एक परिवार ने लोन देने वाले एक एप्लीकेशन से लोन लिया था और उसके बाद कई गुना लोन वसूल करने से परेशान होकर उसने परिवार सहित सुसाइड कर लिया था। परिवार में दो बच्चे और पति-पत्नी थे। पुलिस को लग रहा है कि संभव है यह केस भी भोपाल केस जैसा हो सकता है। फिलहाल मनोज के होश में आने का इंतजार है
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