
22 अप्रैल, बीकानेर। World Earth Day 2025 आज जब पूरी दुनिया ‘वर्ल्ड अर्थ डे’ मना रही है, राजस्थान का बीकानेर जिला भारत की ऊर्जा क्रांति में अगुवाई कर रहा है। यहां सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जो बदलाव आया है, वह न सिर्फ पर्यावरण को बचाने में मददगार है, बल्कि देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को भी नया आयाम दे रहा है। बीकानेर में बंदरवाला गांव स्थित 1000 मेगावाट की सौर परियोजना देश की सबसे बड़ी सिंगल लोकेशन सोलर साइट बन चुकी है। इसे एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (SGEL) द्वारा विकसित किया गया है और इसका पहला चरण 241.77 मेगावाट के साथ शुरू हो चुका है।
इसी तरह टाटा पावर ने यहां 450 मेगावाट और 200 मेगावाट की दो अलग-अलग सोलर परियोजनाएं शुरू की हैं, जो हर साल लगभग 485 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा उत्पादन करती हैं। इससे लगभग 3.88 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कटौती होती है। बीकानेर के पूगल क्षेत्र में तो और भी बड़ा सपना आकार ले रहा है—यहां 2450 मेगावाट क्षमता के तीन बड़े सौर पार्क 4790 हेक्टेयर भूमि पर लगाए जा रहे हैं। यह प्रोजेक्ट सैकड़ों ग्रामीणों को रोजगार भी दे रहा है।
एनएचपीसी ने भी करनिसर में 300 मेगावाट सौर परियोजना शुरू की है, जिसका पहला चरण चालू हो चुका है। बीकानेर की विशेष भौगोलिक स्थिति, तेज धूप और खुली भूमि इसे सोलर हब बनने के लिए आदर्श बनाती है। यहां के प्रोजेक्ट्स राजस्थान ही नहीं, देश भर को बिजली सप्लाई कर रहे हैं।
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