
कोटा। उसका सपना था इंजीनियर बनकर कुछ बड़ा करने का। घर वालों की तकलीफें दूर करने का। शायद इसीलिए चार लाख का लोन लेकर उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी उसे ढंग की नौकरी नहीं मिल सकी। हालात ये हो गए लोन की किस्त तक वह चुका नहीं पा रहा था। आखिरकार उसने मौत को गले लगा लिया।
चार साल पहले की थी इंजीनियरिंग
कोटा में उद्योग नगर थाना इलाके में सुसाइड का मामला सामने आया है। झालावाड़ जिले के सरकारी कॉलेज से मैकेनिकल में इंजीनियरिंग करने वाल 28 साल का राकेश नायक उत्तम नगर बोरखेड़ा इलाके का रहने वाला था। चार साल पहले उसने लोन लेकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी। उसके बाद से वह नौकरी की तलाश में भटक रहा था। एक-दो नौकरी लगी भी लेकिन कुछ ही दिनों में छूट भी गई। नौकरी नहीं मिलने से वह लगातार डिप्रेशन में जा रहा था।
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काम न मिलने से परेशान था राकेश
उद्योग नगर पुलिस ने बताया कि राकेश के पिता कमलेश दिव्यांग हैं और एक फैक्ट्री में काम करते हैं। उनके चार बच्चे हैं जिनमें राकेश सबसे बड़ा था। पिता कमलेश ने बताया कि राकेश नौकरी नहीं मिलने से काफी दिनों से परेशान चल रहा था। वह इंजीनियरिंग के लिए ली गई किश्तें भी नहीं जमा कर पा रहा था। जॉब नहीं लगने से काफी गुमसुम रहता था। बुधवार को भी वह एक स्कूल में काम की तलाश में ही गया था लेकिन बात नहीं बनी।
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थगेड़ नहर में मिला युवक का शव
पिता ने बताया कि बुधवार को वह फैक्ट्री आया और बोला कि जल्द ही काम मिल जाएगा, चिंता मत करना। उसके बाद वह घर नहीं लौटा। पुलिस ने बताया कि राकेश की लाश के बारे में देर शाम पता चला। किसी ने पुलिस को बताया कि थगेड़ नहर में किसी का शव मिला है। जांच में पता चला कि शव राकेश का था। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। बड़े बेटे की मौत के बाद घर में मातम पसरा है।
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