अखिलेश का शासनकाल दलितों के अपमान, भ्रष्टाचार और परिवारवाद का प्रतीकः डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल

Published : Oct 11, 2025, 07:11 PM IST
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सार

लखनऊ में एमएलसी डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए। कहा- अखिलेश का शासन दलितों के अपमान, भ्रष्टाचार और परिवारवाद का प्रतीक था। योगी सरकार ने की जेपीएनआईसी समेत स्मारकों की सच्ची सफाई।

लखनऊ की सियासी फिज़ा में आज गरजते हुए डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने अखिलेश यादव के पूरे शासनकाल को दलितों के अपमान, भ्रष्टाचार और परिवारवाद की मिसाल बताया। पूर्व अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम तथा विधान परिषद सदस्य निर्मल ने कहा कि जिस समय देश मान्यवर कांशीराम के नाम को सम्मान के साथ आगे बढ़ा रहा था, उसी समय अखिलेश यादव ने उनके नाम को सरकारी संस्थानों और योजनाओं से मिटाने की कोशिश की।

दलित सम्मान पर चोट के आरोप

डॉ. निर्मल ने आरोप लगाया कि लखनऊ का उर्दू-अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, जो पहले कांशीराम जी के नाम से था, उससे नाम हटाया गया, और उनके नाम से चल रही योजनाओं को भी बदला गया। उन्होंने कहा कि यह कदम दलित समाज के आत्मसम्मान पर सीधी चोट थी। मायावती की रैली का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे समाजवादी पार्टी का असली चेहरा सामने आ गया है- दलित विरोधी और महापुरुषों के प्रति अपमानजनक रवैया रखने वाली पार्टी।

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जेपीएनआईसी: भ्रष्टाचार का प्रतीक

अखिलेश सरकार के दौरान जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) को उन्होंने कमीशनखोरी का अड्डा बताया। यह परियोजना ₹200 करोड़ से शुरू हुई, लेकिन 2017 तक लागत ₹867 करोड़ तक पहुंच गई और फिर भी अधूरी रही। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसे एलडीए को सौंपते हुए पारदर्शिता के साथ पूरा करने का संकल्प लिया। अब यहां ऑडिटोरियम, मल्टीलेवल पार्किंग, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और कन्वेंशन सेंटर बनाया जा रहा है, जिसे लर्निंग सेंटर के रूप में जनता के लिए खोला जाएगा।

बाबा साहब का अपमान और दलित उत्पीड़न

डॉ. निर्मल ने कांग्रेस और सपा दोनों पर आरोप लगाया कि उन्होंने बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को उचित सम्मान देने में देरी की और दलित आरक्षण पर चोट पहुंचाई। उनके मुताबिक, सपा शासन (2012–2017) में डॉ. आंबेडकर स्मारक के हालात बदतर थे, लाइट बंद, पत्थर टूटे, पीतल की पट्टिकाएं गायब। इसके विपरीत, योगी सरकार ने सभी स्मारकों का संरक्षण और सौंदर्यीकरण किया।डॉ. निर्मल ने कहा कि भाजपा ही वह पार्टी है जो दलित सशक्तिकरण को सच्चे सामाजिक न्याय के रूप में आगे बढ़ा रही है, और परिवारवाद से दूर है।

2027 में सपा का कांग्रेस जैसा हश्र

उन्होंने दावा किया कि अब उत्तर प्रदेश का दलित समाज जागरूक है और सपा-कांग्रेस जैसे गठबंधनों के भ्रम में नहीं आएगा। 2027 में, जनता समाजवादी पार्टी को कांग्रेस की तरह राजनीतिक हाशिये पर पहुंचा देगी।

फाइव स्टार ‘समाजवाद’ पर असीम अरुण का तंज

योगी सरकार में समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने अखिलेश यादव के फाइव स्टार जेपीएनआईसी प्रोजेक्ट को गरीब कल्याण नहीं, अमीरों की मौज-मस्ती बताया। उन्होंने कहा कि इसमें हेलीपैड, स्विमिंग पूल और फाइव स्टार कमरे थे, जो जयप्रकाश नारायण जी की सादगी और विचारों के विपरीत हैं। परियोजना की लागत ₹200 करोड़ से बढ़कर ₹867 करोड़ हो गई, फिर भी पूरी नहीं हुई। अब सीएजी ने भी इस पर आपत्ति जताई है। असीम अरुण ने कहा कि भाजपा असली समाजवाद करते हुए ग्रामीण विकास, आवास और भोजन जैसी योजनाओं से लाखों गरीबों को लाभ दे रही है, जबकि अखिलेश सरकार ने अपने "समाजवाद" को विलासिता की परिभाषा मान लिया था।

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