अयोध्या की राम पैड़ी पर 80 हजार दीपों से बनी रंगोली, हर दीया बोलेगा जय श्रीराम!

Published : Oct 17, 2025, 04:25 PM IST
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सार

अयोध्या दीपोत्सव 2025 में राम की पैड़ी पर 80 हजार दीयों से बनाई गई भव्य रंगोली का अद्भुत दृश्य। योगी सरकार की पहल से यह दीपोत्सव कला, संस्कृति और भक्ति का अनूठा संगम प्रस्तुत करेगा।

दीपों की नगरी अयोध्या इस वर्ष नवम दीपोत्सव-2025 के दौरान एक बार फिर चमक उठेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से राम की पैड़ी पर इस बार 80 हजार दीपों से बनी अद्भुत रंगोली सजाई जा रही है, जो न केवल सौंदर्य और कला का प्रतीक होगी, बल्कि श्रद्धा और आध्यात्मिक अनुभव का भी अनूठा संगम प्रस्तुत करेगी।

लोककला की नई परिभाषा: 80 हजार दीपों से बनेगी जीवंत रंगोली

इस वर्ष राम की पैड़ी पर बनी रंगोली अयोध्या दीपोत्सव के इतिहास में पहली बार इतनी भव्य होगी। मिट्टी के दीयों, प्राकृतिक रंगों और फूलों के संयोजन से तैयार यह रंगोली ऊपर से देखने पर एक दिव्य आमंत्रण का प्रतीक बन जाएगी। यह दृश्य भक्तिभाव, सौंदर्य और आध्यात्मिक गहराई को एक साथ दर्शाएगा।

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कलश, स्वास्तिक और कमल पुष्प: श्रद्धा के प्रतीक

रंगोली में कलश, स्वास्तिक और कमल पुष्प जैसी आकृतियों का समावेश किया गया है। कलश समृद्धि का प्रतीक है, स्वास्तिक शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का और कमल पुष्प भक्ति और पवित्रता का संकेत देता है। इन प्रतीकों को दीपों और रंगों से इस तरह सजाया गया है कि हर रेखा और हर दीप एक कथा कहेगा।

चौक पूरने की परंपरा: ईश्वर का स्वागत

लोक संस्कृति में “चौक पूरना” वह पवित्र क्षण है जब किसी देवता का स्वागत किया जाता है। राम की पैड़ी पर यह परंपरा जीवंत रूप में प्रकट होगी। रंगों और दीपों से जगमगाती यह कला न केवल दृश्य बल्कि भक्ति की ऊर्जा का प्रतीक भी बनेगी।

अवध विश्वविद्यालय की छात्राओं ने रची अद्भुत रचना

डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या की कला विभाग की 50 छात्राओं ने मिलकर इस रंगोली को डिजाइन और तैयार किया है। कला विभाग की प्रमुख डॉ. सरिता द्विवेदी ने बताया, “यह केवल कला नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है। हर रंग, हर दीया हमारी भावना और श्रद्धा का प्रतिबिंब है। जब 80 हजार दीप प्रज्वलित होंगे, तो यह दृश्य पूरी अयोध्या की आत्मा को प्रकाशित करेगा।”

रंगों, मिट्टी और दीपों का त्रिवेणी संगम

रंगोली में पारंपरिक गेरू, चावल के आटे, प्राकृतिक रंग और मिट्टी का उपयोग किया गया है। प्रत्येक हिस्से को इस तरह जोड़ा गया है कि सूर्यास्त के समय जब दीप जलेंगे, पूरी रंगोली एक दिव्य छवि का रूप लेगी।

योगी सरकार की पहल: अयोध्या बनी कला की राजधानी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से दीपोत्सव अब केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि कला, संस्कृति और नवाचार का उत्सव बन गया है। इस वर्ष यह कार्यक्रम भारतीय लोक कला को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने का भी माध्यम बनेगा।

जब हर दीया बोलेगा “जय श्रीराम”

राम की पैड़ी पर 80 हजार दीपों से सजी रंगोली दीपोत्सव की रात ऐसा दृश्य पेश करेगी मानो धरती पर सितारे उतर आए हों। अयोध्या के हर कोने में गूंजेगा “जय श्रीराम!” और यह रंगोली केवल कलाकृति नहीं, बल्कि भक्ति और भारतीयता की जीवंत तस्वीर बन जाएगी।

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