
लखनऊ, 17 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ शनिवार को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में नया इतिहास रचने जा रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरोजिनी नगर स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट से तैयार की गई ब्रह्मोस मिसाइलों के पहले बैच को फ्लैग ऑफ करेंगे। यह दिन न केवल उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) के लिए एक मील का पत्थर होगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी नई दिशा देगा।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस विश्व की सबसे तेज और सटीक सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली की निर्माता कंपनी है। इसकी लखनऊ यूनिट ने अब मिसाइल सिस्टम की पहली खेप सफलतापूर्वक तैयार कर ली है। यह अत्याधुनिक इंटीग्रेशन एंड टेस्ट सुविधा 11 मई 2025 को उद्घाटन के बाद पूरी तरह संचालन में आई थी। यहां मिसाइल असेंबली, टेस्टिंग, और अंतिम गुणवत्ता परीक्षण (Final Quality Check) की सभी आधुनिक व्यवस्थाएं मौजूद हैं। सफल परीक्षण के बाद ये मिसाइलें भारतीय सशस्त्र बलों के लिए तैनाती हेतु भेजी जाती हैं।
कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बूस्टर भवन का उद्घाटन करेंगे और बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया का प्रदर्शन देखेंगे। इसके साथ ही एयरफ्रेम और एवियोनिक्स भवन, वारहेड भवन में पीडीआई (Pre Dispatch Inspection) तथा ब्रह्मोस सिम्युलेटर उपकरणों का प्रेजेंटेशन भी किया जाएगा। इसके अलावा वृक्षारोपण, स्टोरेज ट्रॉली प्रदर्शन, जीएसटी बिल प्रस्तुतीकरण, और मोबाइल ऑटोनोमस लॉन्चर का प्रदर्शन भी होगा।
इस अवसर पर डीजी (ब्रह्मोस) डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी मुख्यमंत्री को एक चेक और जीएसटी बिल सौंपेंगे, जिससे राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होगा। ब्रह्मोस मिसाइलों के उत्पादन से उत्तर प्रदेश को निरंतर जीएसटी आय मिलेगी और उच्च कौशल वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
सरोजिनी नगर के भटगांव स्थित ब्रह्मोस यूनिट उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। यहां मिसाइलों की असेंबली, इंटीग्रेशन, और टेस्टिंग अंतरराष्ट्रीय तकनीकी मानकों के अनुसार की जाती है। पहली खेप के रवाना होने के साथ ही उत्तर प्रदेश ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ अभियान का एक मजबूत साझेदार बन गया है।
यह यूनिट डिफेंस कॉरिडोर की पहली ऐसी सुविधा है, जहां मिसाइल के निर्माण से लेकर अंतिम परीक्षण तक की पूरी प्रक्रिया भारत में ही होती है। यह परियोजना रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ प्रदेश में रोजगार, निवेश और तकनीकी नवाचार के नए अवसर भी पैदा कर रही है।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने भारतीय सशस्त्र बलों की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनी उत्पादन क्षमता में तेजी से विस्तार किया है। लखनऊ का यह मैन्युफैक्चरिंग सेंटर न केवल भारतीय सेना की आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि भविष्य में अंतरराष्ट्रीय निर्यात बाजार की मांगों को भी संभालने में सक्षम होगा।
यह समर्पित यूनिट उत्तर प्रदेश को भारत का अगला एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। यहां विकसित की जा रही अत्याधुनिक तकनीकें आने वाले समय में ब्रह्मोस एयरोस्पेस को और भी उन्नत मिसाइल वेरिएंट विकसित करने में मदद करेंगी।
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