
Ayodhya Greenfield Expressway : अयोध्या-सुल्तानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण में अब कोई बाधा नहीं आएगी। केंद्र सरकार ने इस बहुप्रतीक्षित हाईवे के लिए 52 गांवों की जमीन का अधिग्रहण शुरू कर दिया है। इसके साथ ही प्रशासन ने इन गांवों में जमीन की खरीद-फरोख्त पर भी रोक लगा दी है।
इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अब तेज रफ्तार पकड़ चुका है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे निर्माण कार्य की प्रक्रिया को गति मिल गई है। इस प्रोजेक्ट के तहत बीकापुर तहसील के 39, सदर तहसील के 5 और सोहावल तहसील के 8 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी।
अपर जिलाधिकारी (भू-अभिलेख) अरुण मणि तिवारी ने तहसील प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इन गांवों में भूमि उपयोग में कोई बदलाव न किया जाए। यही कारण है कि इन क्षेत्रों में जमीन की खरीद-बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
अयोध्या-सुल्तानपुर हाईवे को फोरलेन एक्सेस कंट्रोल्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसकी चौड़ाई करीब 150 मीटर होगी और यह अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगा। इस हाईवे के लिए कुछ महीने पहले ड्रोन सर्वे भी किया जा चुका है।
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उत्तर प्रदेश में एक और नया हाईवे बनने जा रहा है, जो बाराबंकी के सफेदाबाद से होकर निकलेगा। इस प्रोजेक्ट से लखीमपुर खीरी समेत आधा दर्जन जिलों को सीधा फायदा मिलेगा। यह हाईवे मुख्य रूप से खेती योग्य जमीनों से होकर गुजरेगा और इसे चंदौली गांव के पास देवा-फतेहपुर-महमूदाबाद रोड से जोड़ा जाएगा।
हाईवे के दूसरे फेज में विशुनपुर और फतेहपुर में 4.25 किमी और 5.75 किमी लंबे बाईपास बनाए जाएंगे। फतेहपुर में रेलवे ट्रैक के पास एक आरओबी (रेल ओवर ब्रिज) भी बनाया जाएगा। इसके अलावा, इस फेज में एक बड़ा पुल और 11 छोटे पुलों का निर्माण होगा।
इस परियोजना के लिए कुल 650 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें से 220 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए जा चुके हैं। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद जल्द ही इस हाईवे का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
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