
Who is Maulana Tauqeer Raza Khan: पिछले कुछ दिनों से चल रहे 'आई लव मुहम्मद' विवाद के चलते शुक्रवार 26 सितंबर को बरेली में हिंसा भड़क उठी। जुमे की नमाज के बाद मौलाना तौकीर रजा के कहने पर बरेली की आला हजरत दरगाह के आसपास बड़ी संख्या में मुस्लिमों की भीड़ इकट्ठा हुई, जिसने आई लव मोहम्मद के पोस्टर की आड़ में 'सिर तन से जुदा' के नारे लगाते हुए पत्थरबाजी की। इतना ही नहीं भीड़ ने पुलिसवालों पर भी हमला कर दिया, जिसमें कई अधिकरी घायल हैं। दंगा भड़काने के आरोप में पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा समेत 8 लोगों को गिरफ्तार कर 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है। साथ ही 2000 से ज्यादा लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
मौलाना तौकीर रजा खान इस्लामिक स्कॉलर और पॉलिटिशियन हैं। वे उत्तर प्रदेश स्थित एक राजनीतिक दल, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के फाउंडर भी हैं। रजा का ताल्लुक सुन्नी मुसलमानों की बरेली कम्युनिटी से है। उन्होंने 2001 में अपनी पार्टी बनाई थी। 2009 में कुछ समय के लिए तौकरी रजा ने कांग्रेस ज्वॉइन की थी, लेकिन बाद में उसे छोड़ 2012 में समाजवादी पार्टी में आ गए। हालांकि, मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के बाद वो इससे अलग हो गए। 2014 के चुनाव में रजा ने मायावती की पार्टी बसपा को सपोर्ट किया था।
ये भी देखें : लखनऊ में ‘आई लव योगी आदित्यनाथ’ और ‘आई लव बुलडोज़र’ पोस्टर लगे, विवाद के बीच सियासत गरमाई
2016 में उन्होंने मुसलमानों के बीच एकता बनाने के प्रयास में देवबंद का दौरा किया और देवबंदी इस्लामिक स्कॉलर्स से मुलाकात की। इसके लिए उनके अपने ही संप्रदाय के मौलवियों ने उनकी आलोचना की थी। इस पर मौलाना ने माफी मांगी थी। तौकीर पर हिंदुओं के खिलाफ नफरत भड़काने के भी आरोप लग चुके हैं। रिपोर्ट़्स के मुताबिक, 2010 में भी बरेली में दंगे भड़काने में तौकीर रजा का हाथ था।
तौकीर रजा को उनके विवादित बयानों के लिए भी जाना जाता है। CAA (सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) के समय रजा ने बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन के खिलाफ फतवा जारी किया था। रजा ने जेल में आजम खान से मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्होंने योगी सरकार के खिलाफ बयान देते हुए कहा था कि हर जुल्म का हिसाब लिया जाएगा।
ये भी पढ़ें : योगी आदित्यनाथ का बरेली घटना पर कड़ा संदेश, यूपी की ग्रोथ स्टोरी और विकसित यूपी @2047 की योजना पेश की
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।