उमेश पाल हत्याकांड मामले में लगातार एक्शन जारी है। इस बीच सामने आया कि राजू पाल हत्याकांड में गवाही के अलावा कई अन्य मामले भी थे जिसके चलते उमेश पाल की सरेआम हत्या की गई।
प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड के बाद रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। पड़ताल में पता लगा है कि उमेश पाल ने माफिया अतीक अहमद से 5 करोड़ रुपए लिए थे और बाद में वह अतीक को ही धोखा देने लगा था। अतीक के गुजरात जेल में जाने के बाद उसने कई बेशकीमती जमीनों के सौदे किए। वह अपने रसूख के दम पर ही जमीनों के फर्जी दस्तावेजों को तैयार करवाता था। जब अतीक को उमेश के बारे में यह सच पता लगा तो उसे बहुत खतरा महसूस होने लगा।
जेल में अतीक के पास तक पहुंच रही थी शिकायतें
अतीक अहमद ने उमेश को ठिकाने लगाने की योजना प्रयागराज में अपना वर्चस्व खत्म होने के डर से ही बनाई। जांच के दौरान अतीक और उमेश के बीच बढ़ती दुश्मनी की पुष्टि भी हुई है। इस बीच प्रयागराज कमिश्नरेट गठित होने के बाद पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच बनी ऊहापोह की स्थिति का भी फायदा उठाया गया। बताया गया कि उमेश पाल अतीक के करीबियों को नुकसान पहुंचा रहा था। वह उनके जमीनों के सौदे में भी दखल देने लगा था। इसमें से ज्यादातर शिकायतें गुजरात की साबरमती जेल में अतीक के पास भी पहुंच रही थी।
अतीक और अशरफ को रिमांड पर लेने के लिए प्रयास जारी
मीडिया रिपोर्टस में बताया कि अतीक ने जेल में बंद करीबियों से कहा कि वह कई बार सांसद और विधायक रह चुका है। लेकिन इस बार उससे बड़ी गलती हो गई है। यह घटना विधानसभा का सत्र चलने के दौरान नहीं करानी चाहिए थी। इसकी टाइमिंग गलत हो गई। फिलहाल अभी अतीक को गुजरात से लाने की कवायद तेजी से चल रही है। लगातार अधिकारी अतीक और उसके भाई की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए प्रयास में लगे हुए हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही तमाम औपचारिकताओं को पूरा कर दोनों को रिमांड पर लेने के लिए अनुरोध किया जाएगा।
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