चित्रकूट जेल में अब्बास और निखत की मिलाई के बदले जेल अधिकारियों के द्वारा महंगे गिफ्ट और नगदी ली जाती थी। मामले की पड़ताल के दौरान कई और भी खुलासे हुए हैं।
चित्रकूट: अब्बास अंसारी जेल मुलाकात मामले में एसआईटी की जांच की जद में आए जेल के 10 अन्य अधिकारियों और बंदीरक्षकों से पूछताछ की गई। इस बीच नामजद डिप्टी जेलर पीयूष पांडेय और एक अन्य वार्डर से भी रविवार को कई अहम सुराग मिले। पूछताछ के दौरान दोनों ने खुद को बचाने का प्रयास किया। उनके द्वारा अन्य अधिकारियों पर आरोप लगाए गए।
नकदी और गिफ्ट के बदले चल रहा था मिलाई का खेल
हालांकि आमना-सामना करवाए जाने पर कई राज खुलकर सामने आए। दावा किया गया कि मिलाई के एवज में गिफ्ट और नकदी का खेल चल रहा था। नगदी और गिफ्ट की बरामदगी भी की गई है। रविवार को एसआईटी ने सुबह 8 बजे से जेल परिसर में ही डिप्टी जेलर पीयूष पांडेय और वार्डर से पूछताछ की गई। तकरीबन 10 बजे वार्डर जगमोहन को बुलाकर आमना-सामना करवाया गया। इसके बाद रविवावर को जेल अधीक्षक और जेलर को गिरफ्तार भी कर लिया गया।
सीसीटीवी कैमरों को करवा दिया जाता था बंद
मीडिया रिपोर्टस में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि अब्बास और निखत की मुलाकात से लेकर अन्य सुविधाएं लेने के दौरान सीसीटीवी कैमरे बंद करवा दिए जाते थे। कैमरों को बंद करवाने में भी बिजली जाने की बात और अन्य दलीले दी जाती थीं। वहीं जनरेटर चालू करने के लिए आने वालों से ही कैमरों के संचालन के लिए लगी बटने बंद कराई जाती थी। यहां तक इन दोनों की ड्यूटी भी यहीं पर लगा दी गई थी। इसके अलावा जेल प्रकरण में नामजदों के अतिरिक्त डिप्टी जेलर चंद्रकला का नाम भी प्रकाश में आया है। पूछताछ के दौरान कई महंगे गिफ्ट, नकदी, उपहार की सामग्री, मोबाइल, बैंक पासबुक, कार के कागज आदि चीजों को बरामद किया गया। ज्ञात हो कि छापेमारी के दौरान अब्बास और निखत की जेल में नियमविरुद्ध मुलाकात करते हुए पकड़ा गया था। इस मामले के बाद निखत और उसके ड्राइवर की गिरफ्तारी की गई थी। जबकि अब्बास अंसारी की जेल में बदलाव किया गया था।
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