
भारत की आत्मा उसकी अध्यात्मिक चेतना में बसती है और जब तक भारतवासी अपनी आस्था और राष्ट्रीयता के भाव से कार्य करते रहेंगे, तब तक भारत को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता। ऐसा कहना था उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का, जो शनिवार को सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ, गाजीपुर में आयोजित ‘राष्ट्रीय एकता एवं सामाजिक समरसता विषयक प्रबुद्धजन संवाद संगम’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
सीएम योगी ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें भगवती मां परम्बा बुढ़िया देवी के दर्शन करने और 900 वर्ष पुरानी सन्यासी परंपरा के सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ में पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नंदन यति जी महाराज के सानिध्य में आने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि यह पीठ केवल अध्यात्म का केंद्र नहीं, बल्कि लोकमंगल और राष्ट्रीय एकता का भी सशक्त माध्यम है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण केवल धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि भारत की आत्मा के पुनर्जागरण का प्रतीक है। जब करोड़ों रामभक्तों ने संकल्प लिया था “राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे” तब लोगों ने इसे असंभव माना था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और पूज्य संतों के आशीर्वाद से यह संकल्प साकार हुआ।
सीएम योगी ने बताया कि 2020 में राम मंदिर की आधारशिला से लेकर 2024 में भगवान श्रीराम के गर्भगृह में विराजमान होने तक की यात्रा भारत की आस्था, एकता और संकल्प शक्ति की मिसाल है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के चारों द्वार चार प्रमुख आचार्यों— शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, रामानंदाचार्य और माधवाचार्य— के नाम पर रखे गए हैं, जो भारतीय एकता की जीवंत मिसाल हैं।
सीएम योगी ने कहा कि रामायण भारत के हर कोने में एकता का सूत्र है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अयोध्या एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा गया है, राम मंदिर परिसर में सप्तऋषियों और तुलसीदास जी की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, निषादराज के नाम पर रैन बसेरा और शबरी के नाम पर भोजनालय बनाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में, गाजीपुर मेडिकल कॉलेज को विश्वामित्र के नाम पर समर्पित किया गया है। यह सब भारत की एकता में विविधता की परंपरा का जीवंत उदाहरण है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के मठ और मंदिर केवल उपासना स्थल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता के सशक्त स्तंभ हैं। जब समाज में जाति या संप्रदाय के नाम पर विभाजन फैलाने की कोशिश होती है, तब यही मठ और संत समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा – “इतिहास गवाह है, जब हम बंटे तो कटे, और जब एक हुए तो नेक बने।”
सीएम योगी ने कार्यक्रम के दौरान वीर अब्दुल हमीद और महावीर चक्र विजेता राम उग्रह पांडेय के परिजनों का सम्मान किया। उन्होंने कहा कि गाजीपुर की धरती ने देश को असंख्य वीर सपूत दिए हैं। गहमर गांव देश का सबसे बड़ा सैनिक ग्राम है, यह गाजीपुर की गौरवशाली परंपरा को दर्शाता है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश की डबल इंजन सरकार ने वादों को धरातल पर उतारा है। संस्कृत शिक्षा के प्रसार, धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार और गाजीपुर को पर्यटन एवं अध्यात्म केंद्र के रूप में विकसित करने की योजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति “परित्राणाय साधूनां, विनाशाय च दुष्कृताम्” के सिद्धांत पर आधारित है — सज्जनों का संरक्षण और दुष्ट प्रवृत्तियों पर जीरो टॉलरेंस ही हमारी सरकार का धर्म है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत तभी सशक्त बनेगा जब हर नागरिक अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत रखे और भौतिक विकास को उसी आधार से जोड़े। “आस्था और विकास का संगम ही नए भारत की पहचान बनेगा,” उन्होंने कहा।
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