
लखनऊ। 1 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईपीएस 2023 और 2024 बैच के कुल 23 प्रशिक्षु अधिकारियों से भेंट की। उन्होंने उन्हें प्रभावी, जिम्मेदार और नागरिक-केंद्रित पुलिस अधिकारी बनने के लिए मार्गदर्शन दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसा बड़ा राज्य पुलिस के सामने कई चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है। इसलिए प्रशिक्षु अवधि को सीखने और अपनी पुलिसिंग क्षमता को विकसित करने का सबसे अच्छा समय मानना चाहिए। उन्होंने बताया कि कानून-व्यवस्था को मजबूत रखना, जनसंपर्क बढ़ाना और त्वरित कार्रवाई करना पुलिस का सर्वोच्च दायित्व है।
सीएम योगी ने कहा कि पुलिस हमेशा घटनास्थल पर सबसे पहले पहुँचती है। इसलिए अधिकारी की तत्परता, भाषा और व्यवहार ही पीड़ित का विश्वास बनाते हैं। उन्होंने प्रशिक्षुओं से कहा कि वास्तविक समस्याओं के समाधान की क्षमता विकसित करें और हर शिकायत का संतोषजनक निस्तारण सुनिश्चित करें।
सीएम ने कहा कि प्रशिक्षण अवधि में थाने का प्रशासन, विवेचना, ड्यूटी प्रबंधन और स्थानीय विवादों की प्रकृति को गहराई से समझें। उन्होंने बताया कि-
इन तीनों के सामंजस्य से ही किसी जिले की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक के बावजूद ह्यूमन इंटेलिजेंस पुलिस अधिकारी का सबसे मजबूत हथियार है। स्थानीय लोगों से संवाद, फील्ड में उपस्थिति और जनता का विश्वास- ये सभी एक अधिकारी को प्रभावी बनाते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता की आवाज हैं। पुलिस अधिकारियों का संवाद संयत और सम्मानजनक होना चाहिए। कैजुअल अप्रोच कानून-व्यवस्था को प्रभावित करती है।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से जोर दिया कि-
उन्होंने कहा कि अपराधों की प्रकृति तेजी से बदल रही है, इसलिए पुलिस को भी उतनी ही तेज और आधुनिक तैयारियां करनी होंगी।
सीएम योगी ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि पुलिस सेवा में सत्यनिष्ठा, अनुशासन और मानवीय दृष्टि सबसे बड़ी पूंजी है। इन मूल्यों से कानून-व्यवस्था को दिशा मिलेगी और जनता का विश्वास मजबूत होगा।
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