
उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया वर्षों बाद बड़े पैमाने पर बदल गई है। सरकार ने एक क्लिक में सिस्टम को नए हाथों में सौंप दिया है और 1 दिसंबर 2025 से पूरा DL ढांचा अब निजी एजेंसियों द्वारा संचालित होगा। कहा जा रहा है कि अब लाइसेंस बनवाना पहले से तेज, पारदर्शी और तकनीक आधारित होगा।
परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े सभी कार्य नई एजेंसियों को सौंप दिए हैं। पहले ये जिम्मेदारी स्मार्ट चिप कंपनी के पास थी।
तीन कंपनियों में बंटा पूरा प्रदेश
इन एजेंसियों ने पूरे प्रदेश में हार्डवेयर इंस्टॉलेशन पूरा कर लिया है और आज से सिस्टम टेस्टिंग का काम भी शुरू हो चुका है।
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DL प्रक्रिया लंबे समय से कई तकनीकी दिक्कतों से जूझ रही थी।
नई व्यवस्था लागू होने से उम्मीद है कि:
नई व्यवस्था के साथ ही कर्मचारी तैनाती में भी बड़ा बदलाव किया गया है।
लगभग दस साल बाद सिस्टम में इतनी बड़ी पुनर्संरचना देखने को मिली है।
कई जिलों में ADTC पर ड्राइविंग टेस्ट शुरू कर दिए गए हैं। ये सेंटर पूरी तरह ऑटोमेटेड हैं, जिनमें:
अधिक जानकारी के लिए: यूजर्स parivahan.gov.in पर जाकर नई व्यवस्था और DL सेवाओं के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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