
CM Yogi Appointment Letter Distribution: लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह केवल औपचारिक आयोजन नहीं रहा, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवरों ने इसे ऐतिहासिक बना दिया। सीएम ने 2016 और उससे पहले की भर्ती प्रक्रियाओं को कटघरे में खड़ा करते हुए साफ कहा- “समय पर जांच पूरी हो जाए तो महाभारत के बहुत रिश्ते बाकी का जीवन जेल में बिताने को मजबूर होंगे।” योगी का यह बयान सीधे उन ताकतों पर हमला था, जिन्होंने वर्षों तक यूपी की भर्ती प्रणाली को अपनी जागीर बनाकर युवाओं को लूटा और प्रदेश को विकास की पटरी से उतार दिया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1112 कनिष्ठ सहायक और 22 एक्सरे टेक्नीशियन को नियुक्ति पत्र सौंपे। यह वितरण महज नौकरियां देने की प्रक्रिया नहीं थी, बल्कि यूपी में भर्ती व्यवस्था की पारदर्शिता का प्रमाण था। सीएम ने कहा कि पहले जहां नौकरी पाने के लिए सिफारिश और धनबल जरूरी होता था, वहीं आज युवाओं को केवल अपनी योग्यता और मेहनत पर भरोसा करना है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि “पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया ही युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की असली गारंटी है।”
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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक ऐसा परिवार था, जिसने यूपी की भर्ती प्रक्रिया को अपनी निजी संपत्ति बना लिया था। पैसा लेकर भर्तियां होती थीं और जनता के साथ सीधी ठगी होती थी। कई जगह तो एक ही व्यक्ति का नाम आठ-आठ बार दर्ज कर पैसा ऐंठा गया। यही कारण था कि प्रदेश को “बीमारू” कहकर बदनाम किया गया। सीएम ने कहा कि इन्हीं कारनामों की वजह से नौजवान बेरोजगार रहे, बेटियां असुरक्षित थीं, किसान आत्महत्या के कगार पर पहुंचे और व्यापारी असहाय महसूस करते रहे। लेकिन आज यूपी ने पारदर्शिता, ईमानदारी और निष्पक्षता के दम पर एक नई पहचान बनाई है।
सीएम ने नियुक्तियों के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र की उपलब्धियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति ही स्वस्थ समाज और सशक्त राष्ट्र की नींव रख सकता है। 2017 से पहले प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई थीं- डॉक्टर थे तो दवा नहीं, दवा थी तो बिजली नहीं, और कभी अस्पताल ही बंद रहते थे। लेकिन पिछले आठ वर्षों में स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा दोनों ने ऐतिहासिक छलांग लगाई है। 1354 स्टाफ नर्स, 7182 एएनएम, 1102 विशेषज्ञ चिकित्सकों, 278 एसोसिएट प्रोफेसरों और 2142 स्टाफ नर्स की भर्ती ने चिकित्सा ढांचे को मजबूत किया। अब यूपी में 80 से अधिक मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जबकि 2017 तक यह संख्या केवल 17 थी। “एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज” योजना प्रदेश की नई पहचान बन चुकी है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले साढ़े आठ वर्षों में 2.19 लाख पुलिसकर्मी भर्ती हुए हैं और हाल ही में 60,244 पुलिसकर्मियों की नियुक्ति पूरी की गई है। आज भर्ती की प्रक्रिया समय पर शुरू और संपन्न हो रही है, जबकि पहले वर्षों तक रिजल्ट ही नहीं आते थे। मेडिकल, पुलिस, शिक्षा और स्वास्थ्य सभी क्षेत्रों में रिकॉर्ड भर्ती हुई है। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष चयन प्रक्रिया नए उत्तर प्रदेश की तस्वीर पेश करती है, जहां हर युवा को नौकरी की गारंटी और समाज को सुरक्षा मिली है।
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