उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की मान्यता व प्रवेश प्रक्रिया की गहन जांच के आदेश दिए हैं। 15 दिन में रिपोर्ट शासन को भेजनी होगी, अनियमितता पाए जाने पर संस्थानों पर कठोर कार्रवाई होगी।

उत्तर प्रदेश में शिक्षा अब केवल डिग्री तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पारदर्शिता और गुणवत्ता का पैमाना भी तय करेगी। छात्रों के भविष्य से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा निर्णय लिया है। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की गहन जांच की जाएगी।

हर मंडल में बनेगी विशेष जांच टीम

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अब हर मंडल में विशेष जांच टीम का गठन होगा। इस टीम में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, एक पुलिस अधिकारी और एक शिक्षा विभाग का अधिकारी शामिल रहेगा। यह टीम जमीनी स्तर पर जाकर संस्थानों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की सच्चाई सामने लाएगी।

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अब हर मंडल में विशेष जांच टीम का गठन होगा। इस टीम में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, एक पुलिस अधिकारी और एक शिक्षा विभाग का अधिकारी शामिल रहेगा। यह टीम जमीनी स्तर पर जाकर संस्थानों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की सच्चाई सामने लाएगी।

यह भी पढ़ें: UP PET Exam 2025: 31 सॉल्वर कैसे पकड़े गए? देवरिया में अभ्यर्थी पर केस दर्ज

शैक्षणिक संस्थानों को प्रस्तुत करने होंगे दस्तावेज

जांच के दौरान सभी शैक्षणिक संस्थानों को शपथपत्र देना होगा, जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि वे केवल उन्हीं पाठ्यक्रमों का संचालन कर रहे हैं जिन्हें नियामक निकाय या विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त है। इसके साथ ही, संचालित सभी कोर्सों की सूची और मान्यता-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

अवैध प्रवेश पर होगी सख्त कार्रवाई

अगर जांच में किसी संस्थान द्वारा बिना मान्यता के कोर्स चलाए जाने या अवैध प्रवेश की पुष्टि होती है तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। न केवल संस्थान पर दंड लगेगा बल्कि छात्रों से वसूली गई पूरी फीस ब्याज सहित लौटानी होगी।

15 दिन में शासन को भेजनी होगी रिपोर्ट

जांच तुरंत शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। प्रत्येक जनपद स्तर पर जांच पूरी कर 15 दिनों के भीतर शासन को समेकित रिपोर्ट भेजनी होगी। मुख्यमंत्री योगी ने साफ कहा है कि यह केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि छात्रों के भविष्य और शिक्षा की गुणवत्ता से जुड़ा मुद्दा है। पूरी प्रक्रिया की निगरानी मंडलायुक्त स्वयं करेंगे।

सीएम योगी का सख्त संदेश

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार का स्पष्ट संदेश है- शिक्षा में पारदर्शिता ही छात्रों का अधिकार है और किसी भी स्थिति में इसे कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें: जब बाढ़ में बच्चों और परिवारों के बीच उतर गई नोएडा की डीएम मेधा रूपम, देखें वीडियो