
Residential Schools For Vimukt Jati: उत्तर प्रदेश सरकार समाज के सबसे पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने और उनके उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य है कि विमुक्त और घुमंतू जातियों तक सरकारी योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित की जाए और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास को गति दी जाए। इसी कड़ी में, 'विमुक्त जाति दिवस' के अवसर पर रविवार को आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी प्रदेश में इन जातियों के लिए किए गए विकासात्मक प्रयासों का उल्लेख करेंगे।
समाज कल्याण विभाग द्वारा लखनऊ के भागीदारी भवन में सुबह साढ़े दस बजे आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ
की उपस्थिति में विमुक्त व घुमंतू जातियों के उत्थान, शिक्षा, आजीविका और सामाजिक न्याय पर विस्तृत चर्चा होगी।
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मुख्यमंत्री का मुख्य फोकस इन समुदायों को “विकास की मुख्यधारा” में लाने पर है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की नीति के तहत शिक्षा, निवास और आजीविका के क्षेत्र में कई योजनाएं लागू की गई हैं। 'विमुक्त जाति दिवस' मनाने का उद्देश्य भी यही है कि समाज का ध्यान इन समुदायों के अधिकारों और गरिमा पर आकर्षित किया जाए और उनके कल्याण के लिए जन-जागरूकता बढ़ाई जाए।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत गठित विमुक्त, घुमंतू व अर्द्ध घुमंतू जनजाति आयोग की सूची के अनुसार उत्तर प्रदेश में:
ये समुदाय अधिकांशतः भूमिहीन या खेतिहर मजदूर हैं और कच्चे मकानों/झोपड़ियों में निवास करते हैं। प्रमुख समूहों में नट, बंजारा, बावरी, सांसी, कंजर और कालवेलिया शामिल हैं।
प्रदेश सरकार ने इन जातियों के शैक्षिक और आर्थिक उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
इन सभी उपायों का लक्ष्य है कि विमुक्त और घुमंतू जातियों को स्थायी रूप से आत्मनिर्भर और समाज के मुख्यधारा में शामिल किया जाए।
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