सिर्फ आज नहीं, यूपी सरकार की यह योजना बदल सकती है पूरी पीढ़ी की तकदीर!

Published : Aug 31, 2025, 10:51 AM IST
Yogi Adityanath

सार

UP Ghumantu Jati Development: उत्तर प्रदेश में विमुक्त व घुमंतू जातियों के कल्याण और विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शिक्षा, आवास, आजीविका और सामाजिक सशक्तिकरण की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

Residential Schools For Vimukt Jati: उत्तर प्रदेश सरकार समाज के सबसे पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने और उनके उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य है कि विमुक्त और घुमंतू जातियों तक सरकारी योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित की जाए और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास को गति दी जाए। इसी कड़ी में, 'विमुक्त जाति दिवस' के अवसर पर रविवार को आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी प्रदेश में इन जातियों के लिए किए गए विकासात्मक प्रयासों का उल्लेख करेंगे।

भागीदारी भवन में होगा व्यापक संवाद

समाज कल्याण विभाग द्वारा लखनऊ के भागीदारी भवन में सुबह साढ़े दस बजे आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ

  • नरेंद्र कश्यप, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार - पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण)
  • असीम अरुण, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार - समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण)
  • संजीव कुमार गोंड, राज्यमंत्री (समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण)

की उपस्थिति में विमुक्त व घुमंतू जातियों के उत्थान, शिक्षा, आजीविका और सामाजिक न्याय पर विस्तृत चर्चा होगी।

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सीएम योगी का विजन: “विकास को मुख्यधारा” में लाना

मुख्यमंत्री का मुख्य फोकस इन समुदायों को “विकास की मुख्यधारा” में लाने पर है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की नीति के तहत शिक्षा, निवास और आजीविका के क्षेत्र में कई योजनाएं लागू की गई हैं। 'विमुक्त जाति दिवस' मनाने का उद्देश्य भी यही है कि समाज का ध्यान इन समुदायों के अधिकारों और गरिमा पर आकर्षित किया जाए और उनके कल्याण के लिए जन-जागरूकता बढ़ाई जाए।

उत्तर प्रदेश में विमुक्त और घुमंतू जातियों की स्थिति

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत गठित विमुक्त, घुमंतू व अर्द्ध घुमंतू जनजाति आयोग की सूची के अनुसार उत्तर प्रदेश में:

  • विमुक्त समुदाय/जातियों की संख्या: 59
  • घुमंतू समुदाय/जातियों की संख्या: 29

ये समुदाय अधिकांशतः भूमिहीन या खेतिहर मजदूर हैं और कच्चे मकानों/झोपड़ियों में निवास करते हैं। प्रमुख समूहों में नट, बंजारा, बावरी, सांसी, कंजर और कालवेलिया शामिल हैं।

शिक्षा, आवास और आजीविका में सरकार के प्रयास

प्रदेश सरकार ने इन जातियों के शैक्षिक और आर्थिक उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:

शैक्षिक प्रयास:

  • रामपुर, फर्रुखाबाद, सारनाथ, चंदापुर, लखनऊ, गोरखपुर, गोंडा, दुद्धी (सोनभद्र) और हसनपुर (सुल्तानपुर) में कुल 9 जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय
  • प्रयागराज और बालागंज में 2 आवासीय विद्यालय अनुदान पर संचालित
  • 101 आश्रम पद्धति संचालित विद्यालय
  • छात्रावासों में निशुल्क भोजन, पुस्तकें और स्कूल डेस

आवास और भूमि:

  • कानपुर (कल्याणपुर), लखीमपुर खीरी (साहबगंज), मुरादाबाद (फजलपुर) में निवास और कृषि योग्य भूमि के पट्टे आवंटित
  • 264 राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावासों में प्रवेश

इन सभी उपायों का लक्ष्य है कि विमुक्त और घुमंतू जातियों को स्थायी रूप से आत्मनिर्भर और समाज के मुख्यधारा में शामिल किया जाए।

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